रांची: झामुमो ने कहा है कि बाबूलाल मरांडी ने देश और विदेश में क्या-क्या किया. इसकी सारी जानकारी जल्द ही मीडिया में सामने लायी जायेगी. किसी पर आरोप लगाने से पहले उन्हें यह बताना चाहिए कि अरगोड़ा में जो घर है वो किसका है? डिबडीह में पार्टी कार्यालय के नाम पर जो जमीन ली गयी है, वो किसके नाम से है? पार्टी कार्यालय में शनिवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए झामुमो नेता (केंद्रीय कमेटी सदस्य) सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि झामुमो के दो साल चार महीने के कार्यकाल में जिस प्रकार विकास के कार्य हुए, वह उल्लेखनीय हैं.
सामाजिक सुरक्षा और पेंशन का दायरा बढ़ा है. नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हुई है. इससे भाजपा नेताओं को डर लग रहा है. उन्होंने कहा कि जिस तरह सीएम हेमंत सोरेन के निर्वाचन को चुनौती दी जा रही है और उनके नाम पर आवंटित खदान को लेकर हो-हल्ला मचाया जा रहा है, वह बेबुनियाद है.
इन पर लाभ के पद का मामला नहीं है. इसके बावजूद अगल निर्वाचन आयोग कार्रवाई करेगी, तो पार्टी न्यायालय की शरण में जायेगी. बिजली संकट के सवाल पर श्री भट्टाचार्य ने कहा कि इससे उबारने के लिए सरकार ने 650 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है. कहीं से भी बिजली लाने की बात कही है. क्योंकि सरकार की प्राथमिकता लोगों को राहत देने की है.
श्री भट्टाचार्य ने केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा पर निशाना साधते हुए कहा कि झामुमो कोटे से ही वे पहली बार विधायक बने थे. झामुमो झारखंड की राजनीति का किंडर गार्डेन स्कूल है. जब वे झामुमो में आये थे, तो अपना नाम अर्जुन मुंडा बताया था. उस समय जनजाति सीट से टिकट दिया.
यहां से निकलने के बाद आदिवासी संगठनों ने उनकी जाति पर सवाल उठाते हुए केस किया, जो हाइकोर्ट में लंबित है. श्री भट्टाचार्य ने आरोप लगाते हुए कहा कि अर्जुन मुंडा ने खुद को बचाने में भोगता समाज की हत्या कर दी. भोगता समाज को एससी से एसटी बना दिया, जबकि उनका गोत्र, रीति-रिवाज, खानपान, शादी ब्याह आदिवासी समाज से नहीं मिलता है.
रांची. झामुमो ने दस्तावेज जारी कर मोमेंटम झारखंड में एमओयू करने वाली कंपनियों पर सवाल उठाया है. इसमें कहा गया है कि फाउंटेनहेड ट्रेनिंग डेवलमेंट कंपनी ने 90 हजार नौकरी दिलाने का दावा किया था. एक साल बाद यह कंपनी बंदी के कगार पर खड़ी है. मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स (एमसीए) के अनुसार यह कंपनी इस समय स्ट्राइक ऑफ की स्थिति में है.
अहमदाबाद की कंपनी स्मार्ट ग्रिड प्रा लि ने छह अलग-अलग एमओयू के अंतर्गत लगभग 14,670 करोड़ के निवेध का दावा किया था. साथ ही चार लोगों को नौकरी देने की बात कही थी. एमओयू होने के डेढ़ वर्ष बाद भी इस कंपनी ने एक भी पैसे का निवेश नहीं किया है. हरियाणा की ओरिएंट क्राफ्ट ने दो नयी कंपनीयां बना कर फैशन पार्क व फैशन डिजाइन एमओयू किये.
तीन फरवरी 2017 को बनी इस कंपनी के नाम पर ओरिएंट ग्रुप ने 2,900 करोड़ का निवेश कर पांच हजार नौकरी देने का समझौता किया था. यह समझौता मोमेंटम झारखंड के एक माह बाद 14 मार्च को हुआ. ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में इस कंपनी को 24.78 एकड़ जमीन आवंटित कर दी गयी.श्री बैद्यनाथ वेयर हाउसिंग व श्रीबैद्यनाथ वेयरहाउसिंग पलामू ने मोमेंटम झारखंड में एमओयू नहीं किया. परंतु मई और अगस्त 2017 में ग्राउंड ब्रेकिंग सरेमनी में चार-चार एकड़ की दो सरकारी व दो निजी जमीनों का आवंटन किया गया.
Posted By: Sameer Oraon