Jharkhand News: झामुमो का भाजपा पर करारा प्रहार, कहा-आदिवासियों का हितैषी बनना सिर्फ दिखावा

झामुमो ने भाजपा पर करारा हमला बोला है. पार्टी के महासचिव ने एनडीए को आदिवासियों की हितैषी बनकर ढोंग करने वाला बताया है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इन सब चीजों का राष्ट्रपति चुनाव से कोई लेना देना नहीं है

By Prabhat Khabar News Desk | July 3, 2022 2:30 PM

रांची : राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू कल झारखंड दौरे पर आ रही है. वो पक्ष विपक्ष के कई नेताओं से मिलकर समर्थन मांगेगी. द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाना बीजेपी का मास्ट्रक स्ट्रोक माना जा रहा है. राजनीतिक पंडितों का तो ये भी कहना है कि इसके जरिये बीजेपी आदिवासी वोटों की सेंधमारी करने की कोशिश में है. इसमें झारखंड भी शामिल है. आपको बता दें कि नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने भी झामुमो को द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने को कहा था. भाजपा के कई नेताओं ने आलाकमान के इस फैसले को आदिवासियों का सम्मान बताया है.

अब इस मुद्दे पर झामुमो ने भाजपा पर करारा हमला बोला है. पार्टी के महासचिव विनोद पांडे ने कहा है कि जिस तरह एनडीए आज आदिवासियों की हितैषी बन रही है. वो सिर्फ एक दिखावा. अगर आदिवासी समाज के बारे में इतना चिंता करती तो आज सरना कोड के पर जरूर विचार करती. हमने विधानसभा से कब बहुत पहले ही सरना कोड को पारित कर दिया था लेकिन आज तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया. हालांकि उन्होंने कहा कि इसका राष्ट्रपति चुनाव से कोई लेना देना नहीं है. जो भी निर्णय होगा वो गुरूजी ही लेंगे. जो सर्वमान्य होगा


झामुमो ने कल बुलायी है बैठक

झामुमो ने इस मुद्दे को लेकर 25 जून को बैठक बुलायी थी. इसमें निर्णय लेने के लिए पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन को अधिकृत किया गया था. इसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रपति चुनाव को लेकर पार्टी की ओर से जल्द ही एक और बैठक होगी. इसके बाद अधिकृत तौर पर समर्थन करने की घोषणा की जायेगी. वहीं दूसरी ओर प्रत्याशी पक्ष-विपक्ष के लोगों से मिल रहे हैं.

द्रौपदी मुर्मू का रहा है झारखंड से गहरा लगाव

द्रौपदी मुर्मू का झारखंड से जुड़ाव रहा है. वह झारखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं. उन्होंने यहां छह वर्ष से अधिक समय तक राज्यपाल के तौर पर काम किया है. द्रौपदी मुर्मू संताल आदिवासी समाज से आती हैं. संताल परगना के छह जिलों में इनकी संख्या अधिक है

Posted By: Sameer Oraon

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