रांची : कांके विधायक समरीलाल द्वारा गलत जाति प्रमाण पत्र के आधार पर चुनाव जीतने का मामला फिलहाल राजभवन में ही है. राज्यपाल रमेश बैस इसकी समीक्षा कर शीघ्र ही चुनाव अायोग के पास राय लेने के लिए भेजेंगे. चुनाव आयोग से राय मिलते ही इस पर राज्यपाल द्वारा निर्णय लिया जायेगा. हालांकि यह मामला झारखंड उच्च न्यायालय में भी चल रहा है, इसलिए राजभवन की नजर न्यायालय पर भी है.
झारखंड विधानसभा अध्यक्ष द्वारा कांके विधायक समरीलाल का गलत जाति प्रमाण पत्र के आधार पर विधानसभा से सदस्यता समाप्त करने से संबंधित रिपोर्ट राज्यपाल के पास भेजी गयी है. राज्यपाल श्री बैस द्वारा नियमानुसार संविधान के अनुच्छेद 192 के तहत इस रिपोर्ट पर राय लेने के लिए नयी दिल्ली स्थित चुनाव आयोग को भेजने का निर्णय लिया गया है.
राजभवन पहुंचा सत्ता पक्ष : कांके के भाजपा विधायक समरी लाल की सदस्यता समाप्त करने की मांग लेकर सत्ता पक्ष राजभवन पहुंचा. कांग्रेस व झामुमो का संयुक्त प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिला. राज्यपाल को ज्ञापन सौंप कर कहा गया है कि समरी लाल का अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र गलत है. कांके अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट है. उन्होंने गलत जाति प्रमाण पत्र पर नामांकन कर चुनाव लड़ा और जीत भी गये. कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी सुरेश बैठा ने श्री लाल के अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र की जांच की मांग की थी.
बताया था कि समरी लाल राजस्थान के प्रवासी हैं. उनके पिता रोजगार की तलाश में रांची आये और बस गये. राजस्थान के प्रवासी होने की वजह से उनको झारखंड में आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता है.
न्यायालय के निर्देश पर गठित जाति जांच समिति ने श्री बैठा के आरोपों को सही पाया. समिति ने 31.10.2009 को समरी लाल को जारी किये गये अनुसूचित जाति (भंगी) का जाति प्रमाण पत्र रद्द कर दिया. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर के नेतृत्व में गये प्रतिनिधिमंडल में झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य, प्रदेश कांग्रेस के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता विनोद पांडेय व रांची जिला ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष सुरेश कुमार बैठा शामिल थे.
Posted By: Sameer Oraon