झारखंड में UPA की एकजुटता, कहा- भाजपा को नहीं पच रहा आदिवासी सीएम, राज्यपाल की भूमिका पर सवाल उठाये

यूपीए ने राजनीतिक उठापटक के बीच राज्यपाल की भूमिका पर सवाल उठाया है. पत्रकारों से बातचीत में यूपीए के नेताओं ने कहा कि भाजपा को आदिवासी मुख्यमंत्री नहीं पच रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 29, 2022 6:44 AM

रांची : झारखंड में राजनीतिक उठापटक के बीच रविवार को झामुमो नेता मुख्यमंत्री आवास में जुटे. उन्होंने अपनी एकजुटता दिखायी. साथ ही भाजपा व राज्यपाल की भूमिका पर सवाल उठाये. पत्रकारों से बातचीत में यूपीए के नेताओं ने कहा कि राज्य को भाजपा अराजक स्थिति की ओर से ले जाना जा रही है. भाजपा को आदिवासी मुख्यमंत्री नहीं पच रहा है.

झामुमो नेता व परिवहन मंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि भाजपा की ओर से राज्य सरकार को अस्थिर करने का प्रयास किया जा रहा है. तरह-तरह के हथकंड़े अपनाये जा रहे हैं. महागठबंधन की सरकार जन आकांक्षाओं व लंबित समस्याओं के समाधान में जुटी है. आदिवासी, दलित, पिछड़ों के हक अधिकार को लेकर प्रतिबद्ध है. इसके लिए ठोस कदम उठाये जा रहे हैं. देश के विकास में झारखंड का अहम योगदान रहा है. यहां की खनिज संपदा के माध्यम से देश को बढ़ाने में झारखंड सहयोग करता रहा है.

राज्यपाल अविलंब करें पटाक्षेप :

कांग्रेस नेता व स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि भाजपा व केंद्र सरकार सोची-समझी साजिश के तहत विभिन्न संवैधानिक संस्थाओं के माध्यम से राज्य सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राज्य के चहुंमुखी विकास में जुटे हैं. आज तक जो योजनाएं नहीं लागू हुईं, उसे धरातल पर उतारने का काम किया जा रहा है.

ऐसे में केंद्र सरकार हाथ-पैर जकड़ कर सरकार में भ्रम पैदा करने का काम कर रही है. उन्होंने भाजपा सांसद निशिकांत दूबे पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या वे चौकीदार हैं. क्या वे भविष्यवक्ता हैं कि उन्हें हर चीज की जानकारी हो जाती है. यहां अजब स्थिति हो गयी है, इडी की ओर से छापेमारी होती है, लेकिन यह नहीं बताया जाता है कि वहां से क्या मिला. इस तरह का अनर्गल प्रलाप नहीं करे. राज्यपाल को इसका पटाक्षेप तुरंत करना चाहिए. गलत तरीके से मामले को उठा कर भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है. राज्य ट्वीट से नहीं चलता है, जो भी हो निर्णय सुनायें.

देश में किसी की सदस्यता 9ए में नहीं गयी :

कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद ने कहा कि तरह-तरह की अटकलें लगायी जा रही हैं. देश में कहीं नहीं हुआ है कि जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा 9ए के तहत किसी की सदस्यता गयी. जानबूझ कर मामले को लटकाया जा रहा है, ताकि विधायकों की खरीद-फरोख्त की जा सकी.

ऐसा महाराष्ट्र में देखने को मिला है. यहां पर राज्यपाल की गरिमा नहीं बची. मौके पर झामुमो नेता स्टीफन मरांडी, मथुरा महतो, लोबिन हेंब्रम, सत्यानंद भोक्ता, दीपिका पांडेय सिंह, पूर्णिमा नीरज सिंह, अनूप सिंह, सरफराज अहमद मौजूद थे.

सरकार पर नहीं हैं संकट के बादल : अविनाश

इधर, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात के बाद प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय ने कहा कि सरकार पर संकट के कोई बादल नहीं हैं. भाजपा की ओर से एक राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने का कोशिश की जा रही है. पिछले ढाई साल में अनके बार इस प्रकार की कोशिश की गयी. विधायकों की खरीद-फरोख्त का प्रयत्न किया गया, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. आज की परिस्थिति भी वही है.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लेकर अब तक राज्यपाल का कोई आदेश नहीं आया है. आदेश आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी. जनता के बीच अनिश्चितता व भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है.

Posted By: Sameer Oraon

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