योगेंद्र साव मामले में अनुसंधानकर्ताओं द्वारा केस में की गयी छेड़छाड़, दो दारोगा पर FIR दर्ज

इसके बाद सिमरिया डीएसपी के आवेदन पर दाेनों एसआइ के खिलाफ आइपीसी की धारा 420, 201 व 34 के तहत टंडवा थाना में कांड संख्या 0081/2021 दर्ज कराया गया है. बता दें कि जिन दोनों अनुसंधानकर्ताओं पर प्राथमिकी की गयी है, वे सेवानिवृत्त हो चुके हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | June 21, 2021 10:27 AM

Jharkhand News, Yogendra Sao Case Update चतरा : चतरा स्थित सीसीएल के आम्रपाली कोल परियोजना टंडवा के विस्थापितों द्वारा भूमि अधग्रिहण में अनियमितता को लेकर किये जा रहे आंदोलन में पूर्व मंत्री योगेंद्र साव पर वर्ष 2015 में दो प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. इनमें टंडवा थाना कांड संख्या 90/15 व 91/15 है. दोनों ही मामलों में अनुसंधानकर्ताओं द्वारा अनुसंधान के दौरान केस डायरी को ही बदल दिया गया. इस मामले में डीजीपी के निर्देश पर चतरा एसपी ने सिमरिया डीएसपी से मामले की जांच करायी. इसमें दोनों ही केस के तत्कालीन अनुसंधानकर्ता एसआइ गौरी शंकर तिवारी और एसआइ सत्येंद्र कुमार सिंह को दोषी पाया गया है.

इसके बाद सिमरिया डीएसपी के आवेदन पर दाेनों एसआइ के खिलाफ आइपीसी की धारा 420, 201 व 34 के तहत टंडवा थाना में कांड संख्या 0081/2021 दर्ज कराया गया है. बता दें कि जिन दोनों अनुसंधानकर्ताओं पर प्राथमिकी की गयी है, वे सेवानिवृत्त हो चुके हैं.

पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर कराया गया था केस :

विधायक अंबा प्रसाद का कहना है कि मेरे पिता पूर्व कृषि मंत्री योगेंद्र साव पर तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास द्वारा प्रशासन का दुरुपयोग कर पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर झूठा केस दर्ज करवाया गया था. इसके अलावा भी केरेडारी, बड़कागांव व दूसरे थानों में पिता, मां व परिवार के अन्य लोगों पर झूठे मामले दर्ज करवाये गये थे. अब टंडवा में दर्ज केस में सही तथ्य सामने आये हैं. इससे पता चलता है कि पूर्ववर्ती सरकार की क्या मंशा थी. इसलिए मामले की सीआइडी जांच की लगातार मांग की जा रही थी.

डीजीपी के निर्देश पर सिमरिया डीएसपी की जांच में दोनों केस के अनुसंधानकर्ता की गड़बड़ी पकड़ायी

Posted By : Sameer Oraon

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