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2016 राज्यसभा चुनाव हॉर्स ट्रेडिंग मामले में भाजपा ने झामुमो को घेरा तो सत्ताधारी पार्टी ने ये दिया ये जवाब

सत्ता आती है, जाती है. राजनीतिक विद्वेष की भावना से काम होगा, तो राज्य का राजनीतिक वातावरण प्रदूषित होगा. राज्य सरकार के इशारे पर रघुवर दास पर पीसी एक्ट अलग से लगाया गया है. यह गैर कानूनी है. पीसी एक्ट वहां लागू होता है, जहां क्राइम कमिटेड होता है. इस केस में क्राइम हुआ ही नहीं, उस पर यह एक्ट लागू नहीं हो सकता. सिर्फ शक के आधार पर पीसी एक्ट लागू नहीं होता है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 28, 2021 11:26 AM

Horse Trading Case Jharkhand Latest Update रांची : 2016 के राज्यसभा चुनाव में हॉर्स ट्रेडिंग के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास को अभियुक्त बनाने जाने पर भाजपा ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है. प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने पत्रकारों से कहा कि राज्य सरकार विद्वेष की भावना से कार्रवाई कर रही है. राजनीति में छोटे दिल वाले बड़ा काम नहीं कर सकते हैं.

सत्ता आती है, जाती है. राजनीतिक विद्वेष की भावना से काम होगा, तो राज्य का राजनीतिक वातावरण प्रदूषित होगा. राज्य सरकार के इशारे पर रघुवर दास पर पीसी एक्ट अलग से लगाया गया है. यह गैर कानूनी है. पीसी एक्ट वहां लागू होता है, जहां क्राइम कमिटेड होता है. इस केस में क्राइम हुआ ही नहीं, उस पर यह एक्ट लागू नहीं हो सकता. सिर्फ शक के आधार पर पीसी एक्ट लागू नहीं होता है.

श्री प्रकाश ने कहा कि यह मामला पांच वर्ष पूर्व का है. इसमें उस वक्त संपन्न हुए राज्यसभा चुनाव में विधायक निर्मला देवी ने आरोप लगाया था. रघुवर दास की सरकार के समय कानूनी कार्य में कभी बाधा डालने का प्रयास नहीं हुआ. पिछली सरकार चाहती तो उस जांच को राजनीतिक हस्तक्षेप कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल देती. लेकिन भाजपा सरकार उन चीजों में विश्वास नहीं रखती.

उन्होंने कहा कि अब यूपीए गठबंधन की सरकार आयी है. सबको पता है उस केस में कुछ भी नहीं मिला. अब राज्य सरकार के इशारे पर इस केस में नयी धाराएं लगाकर और नये षडयंत्र करके राजनीतिक शत्रुता का उदाहरण पेश किया जा रहा. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा को न्यायालय और कानून पर पूरा भरोसा है.

पहले बाबूलाल से पूछे भाजपा फिर सरकार पर उठाये सवाल

अब इसी मुद्दे पर झामुमो प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने भाजपा को जवाब देते हुए कहा है कि इस मामले में भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी सूचक थे. उन्होंने इस मामले को लेकर चुनाव आयोग में ले जाने का काम किया था. ऐसे में भाजपा को पहले बाबूलाल मरांडी से पूछना चाहिए, फिर सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाना चाहिए. बाबूलाल मरांडी को भी सामने आकर बोलना चाहिए कि उन्होंने वर्ष 2014 से 2019 के बीच भाजपा सरकार पर जो भी आरोप लगाये गये थे, उनकी जांच होनी चाहिए.

श्री भट्टाचार्य ने कहा कि 2016 में राज्यसभा की एक सीट को जीतने के लिए भाजपा ने क्या कुकृत्य किया था, वह जनता के सामने आ गयी है. चुनाव आयोग के आदेश पर सरकार की ओर से कार्रवाई की जा रही है. इसमें यह नहीं देखा जा रहा है कि व्यक्ति कौन है और वह किस पद पर था. अगर इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास पर आरोप लगा है, तो इतनी बेचैनी क्यों है. खुद रघुवर दास ने कहा है कि मैं इससे डरता नहीं हूं. ऐसे में भाजपा नेताओं को राजनीतिक बयानबाजी कर कानून के काम बाधा उत्पन्न करने का काम नहीं करना चाहिए.

श्री भट्टाचार्य ने कहा कि वर्ष 2016 में राज्यसभा की एक सीट के लिए भाजपा की ओर से किये गये कुकृत्य में शामिल सभी जुड़े लोगों की जांच होगी. इसमें भाजपा को घबराहट क्यों है. अगर इसमें उनके नेताओं की संलिप्तता नहीं है, तो वे खुल कर जांच में सहयोग करने का काम करें.

Posted By : Sameer Oraon

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