Jharkhand Politics Update : भाजपा और झामुमो के बीच ट्विटर वार, टाटा-रांची सड़क पर झामुमो ने पूछा सवाल- पांच साल सरकार में फिर क्यों नहीं बनी सड़क ?

झामुमो ने ट‍्वीट कर सवाल किया है कि जब डबल इंजन की सरकार थी, फिर भी पांच साल में टाटा-रांची सड़क क्यों नहीं बनी? पूर्ववर्ती भाजपा व हेमंत सरकार को केंद्र की ओर से वित्तीय वर्ष 2017-18 में 205 करोड़, 2018-19 में 169 करोड़, 2019-20 में 486 करोड़ और 2020-21 में 675 करोड़ रुपये मिले. इसमें कोई दो राय नहीं कि डबल इंजन की सरकार फेल हो गयी थी.

By Prabhat Khabar News Desk | April 5, 2021 9:43 AM

Jharkhand News, Ranchi News, Hemant soren news रांची : झारखंड में 21 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के शिलान्यास व लोकार्पण के भाजपा व झामुमो नेताओं के बीच ट्विटर वाॅर तेज हो गया है. भाजपा के ट्वीट के बाद झामुमो हमलावर हो गया है. झामुमो के ऑफिशियल ट्विटर से भाजपा नेताओं से कई सवाल पूछे हैं. राष्ट्रीय राजमार्ग को लेकर केंद्र सरकार की ओर से पिछले तीन वर्षों में दी गयी राशि का भी उल्लेख किया है.

झामुमो ने ट‍्वीट कर सवाल किया है कि जब डबल इंजन की सरकार थी, फिर भी पांच साल में टाटा-रांची सड़क क्यों नहीं बनी? पूर्ववर्ती भाजपा व हेमंत सरकार को केंद्र की ओर से वित्तीय वर्ष 2017-18 में 205 करोड़, 2018-19 में 169 करोड़, 2019-20 में 486 करोड़ और 2020-21 में 675 करोड़ रुपये मिले. इसमें कोई दो राय नहीं कि डबल इंजन की सरकार फेल हो गयी थी.

केंद्रीय मंत्री की बात को मानते हुए हेमंत सरकार जल्द से जल्द हजारों करोड़ की योजनाएं भेजेगी. हम पूरी उम्मीद करेंगे कि 12 लोकसभा व चार राज्यसभा सांसद वाली भाजपा कभी कुछ, तो काम करेगी.

भाजपा नेताओं के ट‍्वीट पर पलटवार

इससे पहले बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर कहा था कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी सड़क, ब्रिज के लिए 675 करोड़ के बदले 5000 करोड़ देने को तैयार हैं, लेकिन राज्य सरकार अपनी इच्छाशक्ति दिखाये तब तो. वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने भी ट‍्वीट पर झामुमो ने पलटवार किया है. झामुमो ने कहा कि कोरोना काल में भी हेमंत सरकार ने 2020-21 केंद्र से सड़कों के विकास के लिए 675 करोड़ रुपये आवंटित किये, जबकि आपकी डबल इंजन की लुटेरी सरकार यह आंकड़ा दूर-दूर तक नहीं छू पायी थी़

सड़कों के निर्माण में पेड़ लगाने पर दें ज्यादा ध्यान, सीएम ने दिया निर्देश

रांची. सड़कों के निर्माण में अब गुणवत्ता के साथ ही सबसे ज्यादा ध्यान पेड़ों को बचाने और पेड़ लगाने पर दिया जायेगा. राज्य के विभिन्न जिलों में बन रही सड़कों के किनारे पेड़ों की स्थिति का आकलन कराया जायेगा. यह देखा जायेगा कि कितने पेड़ सड़क निर्माण के लिए कटे हैं. वहीं जहां पहले ही सड़कों का निर्माण हो गया है और पेड़ कट गये हैं, उसकी स्थिति भी देखी जायेगी. सारी स्थितियों का आकलन करने के बाद पेड़ लगाने की कार्रवाई की जायेगी. इस मामले को पथ निर्माण विभाग ने गंभीरता से लिया है. मुख्यमंत्री ने इसके लिए अभियंताओं को निर्देश भी दिया है.

मुख्यमंत्री ने पेड़ लगाने का दिया था सुझाव :

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के साथ ऑनलाइन संवाद में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे पौधरोपण का सुझाव दिया था. मुख्यमंत्री का सुझाव था कि राज्य में कई एलिफेंट कोरिडोर चिह्नित किये गये हैं. इनको सुरक्षित रखने की जरूरत है. मुख्यमंत्री के सुझाव पर केंद्रीय मंत्री ने सहमति जतायी थी.

Posted By : Sameer Oraon

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