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लॉकडाउन में फंसे श्रमिकों और कामगारों के घर लौटने का रेल किराया देगी झारखंड प्रदेश कांग्रेस!

रांची : कोरोना वायरस लॉकडाउन की वजह से अलग-अलग राज्यों में फंसे श्रमिकों और कामगारों के घर लौटने का खर्च कांग्रेस पार्टी वहन करेगी. पार्टी की कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सभी प्रदेश कांग्रेस को यह निर्देश दिया है. सोनिया गांधी ने कहा है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने निर्णय लिया है कि हर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की हर इकाई हर जरूरतमंद श्रमिक व कामगार के घर लौटने की रेल यात्रा का टिकट खर्च वहन करेगी व इस बारे में जरूरी कदम उठायेगी.

By Mithilesh Jha | May 4, 2020 10:52 AM

रांची : कोरोना वायरस लॉकडाउन की वजह से अलग-अलग राज्यों में फंसे श्रमिकों और कामगारों के घर लौटने का खर्च कांग्रेस पार्टी वहन करेगी. पार्टी की कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सभी प्रदेश कांग्रेस को यह निर्देश दिया है.

सोनिया गांधी ने कहा है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने निर्णय लिया है कि हर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की हर इकाई हर जरूरतमंद श्रमिक व कामगार के घर लौटने की रेल यात्रा का टिकट खर्च वहन करेगी व इस बारे में जरूरी कदम उठायेगी.

झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने सोमवार (4 मई, 2020) को ट्वीट कर यह जानकारी दी. श्री गुप्ता ने इसके साथ कांग्रेस का एक पत्र भी जारी किया है, जिसमें यह बात कही गयी है. कांग्रेस ने देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी श्रमिकों से रेलवे द्वारा किराया वसूले जाने पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि अब इन मजदूरों के लौटने पर होने वाले खर्च का वहन पार्टी की प्रदेश इकाइयां करेंगी.

उन्होंने यह सवाल भी किया कि जब रेल मंत्रालय ‘पीएम केयर्स’ कोष में 151 करोड़ रुपये का योगदान दे सकता है, तो श्रमिकों को बिना किराये के यात्रा की सुविधा क्यों नहीं दे सकता. सोनिया ने इस बयान में कहा, ‘श्रमिक व कामगार देश की रीढ़ की हड्डी हैं. उनकी मेहनत और कुर्बानी राष्ट्र निर्माण की नींव है. सिर्फ चार घंटे के नोटिस पर लॉकडाउन करने के कारण लाखों श्रमिक व कामगार घर वापस लौटने से वंचित हो गये.’

उनके मुताबिक, वर्ष 1947 के बंटवारे के बाद देश ने पहली बार यह दिल दहलाने वाला मंजर देखा कि हजारों श्रमिक व कामगार सैकड़ों किलोमीटर पैदल चल घर वापसी के लिए मजबूर हो गये. न राशन, न पैसा, न दवाई, न साधन, पर केवल अपने परिवार के पास वापस गांव पहुंचने की लगन. सोनिया ने कहा, ‘उनकी व्यथा सोचकर ही हर मन कांपा और फिर उनके दृढ़ निश्चय और संकल्प को हर भारतीय ने सराहा भी. पर देश और सरकार का कर्तव्य क्या है?’

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि आज भी लाखों श्रमिक व कामगार देश के अलग-अलग कोनों से घर वापस जाना चाहते हैं, पर न साधन है, और न पैसा. दुख की बात यह है कि भारत सरकार व रेल मंत्रालय इन मेहनतकशों से मुश्किल की इस घड़ी में रेल यात्रा का किराया वसूल रहे हैं.

उन्होंने सवाल किया, ‘जब हम विदेशों में फंसे भारतीयों को अपना कर्तव्य समझकर हवाई जहाजों से नि:शुल्क वापस लेकर आ सकते हैं, जब हम गुजरात के एक कार्यक्रम में सरकारी खजाने से 100 करोड़ रुपये खर्च कर सकते हैं, जब रेल मंत्रालय प्रधानमंत्री के कोरोना कोष में 151 करोड़ रुपये दे सकता है, तो फिर तरक्की के इन ध्वजवाहकों को नि:शुल्क रेल यात्रा की सुविधा क्यों नहीं दे सकते?’

सोनिया ने कहा, ‘कांग्रेस ने कामगारों की इस नि:शुल्क रेलयात्रा की मांग को बार-बार उठाया है. दुर्भाग्य से न सरकार ने एक सुनी और न ही रेल मंत्रालय ने. इसलिए कांग्रेस ने यह निर्णय लिया है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की हर इकाई हर जरूरतमंद श्रमिक व कामगार के घर लौटने की रेल यात्रा का टिकट खर्च वहन करेगी व इस बारे जरूरी कदम उठायेगी.’ उन्होंने कहा कि मेहनतकशों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने के मानव सेवा के इस संकल्प में कांग्रेस का यह योगदान होगा.

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