Jharkhand: राष्ट्रपति प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू ने रायरंगपुर के मंदिरों में की पूजा, झाड़ू लगा की सफाई

मंगलवार को एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी के रूप में नाम घेषित होने के बाद आज उन्होंने रायरंगपुर के विभिन्न मंदिरों में पहुंच कर पूजा अर्चना की. यहां उन्होंने खुद ही ही मंदिर परिसर में झाडू लगा कर साफ सफाई की.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 22, 2022 1:42 PM

Jharkhand News: राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू ओड़िशा के मयूरभंज जिले के रायरंगपुर से रायसीना (दिल्ली) की उड़ान भरने की तैयारी में है. मंगलवार को एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी के रूप में नाम घेषित होने के बाद आज उन्होंने रायरंगपुर के विभिन्न मंदिरों में पहुंच कर पूजा अर्चना की.उन्होंने रायरंगपुर के जगन्नाथ मंदिर, शिव मंदिर, लक्ष्मी मंदिर, शनी मंदिर आदि पहुंच कर माथा टेका. यहां उन्होंने खुद ही ही मंदिर परिसर में झाडू लगा कर साफ सफाई की. साथ ही पूजा अर्चना की. मालूम हो कि ओड़िशा में मंत्री व झारखंड में राज्यपाल रहते हुए भी द्रौपदी मुर्मू अक्सर रायरंगपुर के जगन्नाथ मंदिर में जाती रही है.

भुवनेश्वर के लिये रवाना होंगी द्रौपदी मर्मू

रायरंगपुर के विभिन्न मंदिरों में पूजा के बाद द्रौपदी मुर्मू स्थानीय लोगों से खुल कर मिली. इस दौरान ब्रम्हकुमारी ईश्वरीय संस्थान से जुड़े लोग भी उनसे मिलने पहुंचे. इस क्रम में मीडिया से कुछ भी बोलने से बचती रही. लोगों से मिलने-जुलने के बाद वह भुवनेश्वर के लिये रवाना हो जायेंगी. भुवनेश्वर से फिर दिल्ली जाने का कार्यक्रम है.

रायरंगपुर से है खास लगाव, यहीं से मिली विशेष पहचान

द्रौपदी मुर्मू का रायरंगपुर (ओड़िशा) से खास लगाव है. 20 जून 1958 को रायरंगपुर के बैदापोसी गांव में जन्मीं द्रौपदी मुर्मू आदिवासी संथाल परिवार से ताल्लुक रखती हैं.उनके पिता का नाम बिरंची नारायण टुडू है. द्रौपदी मुर्मू की शादी श्याम चरण मुर्मू से हुआ था. उनके तीन बच्चे (दो बेटे और एक बेटी) हुए. लेकिन, द्रौपदी मुर्मू का व्यक्तिगत जीवन त्रासदियों से भरा रहा है. उन्होंने अपने पति व दोनो बेटों को खो दिया. उनकी बेटी इतिश्री की शादी गणेश हेम्ब्रम से हुआ है.

सरकारी नौकरी भी कर चुकी हैं भावी राष्ट्रपति

साल 1979 से 1983 तक द्रौपदी मुर्मू ने सिंचाई और पावर डिपार्टमेंट में जूनियर असिस्टेंट के तौर पर नौकरी भी की. साल 1997 में पार्षद के रूप में उन्होंने अपने राजनीतिक करियर में एंट्री की. साल 2000 में पहली बार विधायक बनीं. रायरंगपुर से दो बार विधायक रहीं मुर्मू ओड़िशा सरकार में दो बार भी मंत्री रहीं है. पशुपालन, मत्स्य पालन, परिवहन जैसी मंत्रालय को संभाल चुकी हैं. साल 2007 में ओडिशा विधानसभा ने उन्हें बेस्ट एमएलए के लिए नीलकंठ अवॉर्ड से सम्मानित किया. वर्ष 2015 में द्रौपदी मुर्मू झारखंड की नौवीं राज्यपाल नियुक्त की गई थीं. पांच वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने के बाद भी कोरोना संक्रमण को देखते हुए भारत के राष्ट्रपति ने उन्हें सेवा विस्तार दिया था. इस कारण वह झारखंड में छह वर्ष 54 दिनों तक राज्यपाल रहीं.

रिपोर्ट : शचिंद्र कुमार दाश, रायरंगपुर (ओड़िशा)

Next Article

Exit mobile version