झारखंड के प्राथमिक शिक्षकों को हेडमास्टर बनने के लिए पास करना होगा टेट, जानें किनके लिए प्रभावी होगा यह नियम

राज्य में शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद वर्ष 2015-16 में शिक्षकों की नियुक्ति हुई है. यह प्रावधान इससे पहले नियुक्त शिक्षकों को प्रभावी नहीं होगा. नियमावली के अनुसार, ग्रेड चार में पांच वर्ष की सेवा पूरी करने पर शिक्षक ग्रेड सात में प्रोन्नति पा सकेंगे

By Prabhat Khabar News Desk | January 13, 2024 5:11 AM

रांची : राज्य गठन के बाद झारखंड में पहली बार प्राथमिक व मध्य विद्यालय के शिक्षकों की प्रोन्नति के लिए नियमावली बनायी जा रही है. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने नियमावली का ड्राफ्ट जारी कर दिया है. शिक्षकों से नियमावली के ड्राफ्ट पर सुझाव मांगा गया है. शिक्षकों की प्रोन्नति नियमावली बनने के बाद मध्य विद्यालय में प्रधानाध्यापक के रिक्त पदों पर प्रोन्नति की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी. विभाग द्वारा तैयार ड्राफ्ट के अनुसार, ‘शिक्षा का अधिकार अधिनियम’ लागू होने के बाद कक्षा एक से पांच में नियुक्त शिक्षक जो केवल कक्षा एक से पांच के लिए ही झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा सफल हैं, को ग्रेड सात (प्रधानाध्यापक) में प्रोन्नति के लिए कक्षा छह से आठ की शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करना होगा.

राज्य में शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद वर्ष 2015-16 में शिक्षकों की नियुक्ति हुई है. यह प्रावधान इससे पहले नियुक्त शिक्षकों को प्रभावी नहीं होगा. नियमावली के अनुसार, ग्रेड चार में पांच वर्ष की सेवा पूरी करने पर शिक्षक ग्रेड सात में प्रोन्नति पा सकेंगे. परंतु वर्ष 2015-16 में नियुक्त शिक्षकों के लिए यह समय सीमा 10 वर्ष रखा गया है. नियमावली के अनुसार, अगर पांच वर्ष की सेवा पूरी करनेवाले शिक्षकों की संख्या पद की तुलना में कम पायी जाती है, तो ग्रेड चार में पांच वर्ष से कम सेवा देनेवाले शिक्षक को भी प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोन्नति दी जायेगी. यह प्रावधान वर्ष 2012 नियमावली के पूर्व नियुक्त शिक्षकों पर प्रभावी होगा. इसके लिए यह आवश्यक है कि शिक्षक 20 वर्ष की सेवा पूरी कर चुके हों.

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शिक्षक 20 तक दे सकते हैं अपने सुझाव

प्रोन्नति नियमावली बनाने के लिए प्राथमिक शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गयी थी. नियमावली के ड्राफ्ट पर 20 जनवरी तक शिक्षकों से सुझाव मांगा गया है. शिक्षक प्राथमिक शिक्षा निदेशालय के इमेल primary896@gmial.com पर या फिर प्राथमिक शिक्षा निदेशक के कोषांग में अपना सुझाव दे सकते हैं. राज्य में अब तक वर्ष 1993 के नियमावली के आधार पर शिक्षकों को प्रोन्नति दी जाती थी.

शिक्षक संघ ने किया विरोध

झारखंड प्रगतिशील शिक्षक संघ ने विभाग द्वारा तैयार नियमावली का विरोध किया है. संघ के प्रदेश महासचिव बलजीत कुमार सिंह ने कहा है कि यह नियमावली भेदभाव पूर्ण है. शिक्षक पात्रता परीक्षा सफल शिक्षकों को प्रोन्नति से वंचित रखने की तैयारी है. नियमावली सभी शिक्षकों पर एक समान रूप से लागू हो. उन्होंने कहा है कि अगर नियमावली में बदलाव नहीं किया गया, तो संघ आंदोलन करेगा.

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