झारखंड में विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े 30 से अधिक निजी सुरक्षा गार्ड फर्जी लाइसेंस के जरिये अवैध रूप से हथियार लेकर घूम रहे हैं. ऐसे गार्ड बैंक, कैश वैन सहित अन्य जगहों पर ड्यूटी पर लगे हैं. अवैध हथियार दिलाने से लेकर फर्जी लाइसेंस बनानेवालों का यह गिरोह झारखंड-बिहार व यूपी में सक्रिय है. गृह विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार, निजी सुरक्षा गार्ड एक्ट-2005 के अनुसार झारखंड में प्राइवेट गार्ड सप्लाई करने के लिए 394 एजेंसियाें को लाइसेंस जारी किया गया था.
फिलहाल 329 एजेंसियों के पास ही वैध लाइसेंस है. 65 एजेंसियों के लाइसेंस की तिथि खत्म हो चुकी है. हाल ही में फर्जी लाइसेंस के आधार पर काम कर रहे लोगों के खिलाफ गुमला पुलिस ने कार्रवाई की थी.
सबसे अधिक लाइसेंस धनबाद में बनता है : झारखंड में सबसे अधिक लाइसेंस बनाने का काम धनबाद से हुआ है. वहां भूली थाना क्षेत्र निवासी रेशम बहादुर श्रेष्ठ उर्फ रोशन थापा आर्म्स मजिस्ट्रेट नवादा के नाम पर फर्जी लाइसेंस बनाता था. इसके लिए उसने फर्जी मुहर बना रखी है़ इस काम के लिए वह “70 हजार लेता था. रेशम बहादुर थापा ने खुलासा किया है कि वह अब तक 25 से 30 सिक्यूरिटी गार्ड का फर्जी आर्म्स लाइसेंस बनवा चुका है.
लोहरदगा के सेरेंगदाग थाना क्षेत्र निवासी प्रवीण मिश्रा (31) लोहरदगा के एचडीएफसी ब्रांच में काम कर चुका है. काम करने के दौरान उसके पास एक 12 बोर की बंदूक और पांच गोली थी. वह कोर सिक्यूरिटी एजेंसी के माध्यम से वहां ड्यूटी कर रहा था. लेकिन उसके नाम पर उसका पता कांके बोड़ेया दिखाते हुए फर्जी हथियार का लाइसेंस बनाया गया था.
सुरक्षा गार्ड प्रवीण ठाकुर मूल रूप से लातेहार के बालूमाथ के रहनेवाले हैं. वह भी कोर सिक्यूरिटी एजेंसी के माध्यम से लोहरदगा के एचडीएफसी बैंक में काम कर चुके हैं. उनके पास एक 12 बोर की बंदूक और पांच गोलियां थी. उनका लाइसेंस भी फर्जी तरीके से रांची जिला के कांके थाना क्षेत्र के बोड़ेया स्थित पते पर बनवाया गया था.