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झारखंड में स्थापित प्राइवेट विवि को ऑफ कैंपस खोलने की सशर्त अनुमति मिली

प्रो जोशी ने कहा है कि ऑफ कैंपस वही विवि खोल सकते हैं, जो संबंधित राज्य में स्थापना के कम से कम पांच वर्ष पूरा कर लिये हों. विवि का नैक से भी एक्रिडिएशन मिला होना चाहिए.

रांची : झारखंड में स्थापित प्राइवेट विवि को सशर्त ऑफ कैंपस खोलने की अनुमति प्रदान कर दी गयी है. ऑफ कैंपस खोलने के लिए संबंधित विवि को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से स्वीकृति लेनी होगी. यूजीसी के सचिव प्रो मनीष जोशी के अनुसार प्राइवेट विवि संबंधित राज्य में ऑफ कैंपस सेंटर खोल सकते हैं. इसके लिए राज्य सरकार के एक्ट में इसका प्रावधान होना जरूरी है.

प्रो जोशी ने कहा है कि ऑफ कैंपस वही विवि खोल सकते हैं, जो संबंधित राज्य में स्थापना के कम से कम पांच वर्ष पूरा कर लिये हों. विवि का नैक से भी एक्रिडिएशन मिला होना चाहिए. ऑफ कैंपस में कोर्स संचालित करने के लिए नियमानुसार एकेडमिक काउंसिल/एक्सक्यूटिव काउंसिल आदि से अनुमति लेनी होगी. इसके अलावा संबंधित विवि के पास प्रस्तावित ऑफ कैंपस केंद्र की स्थापना के लिए भूमि का स्वामित्व कम से कम 30 वर्षों का होना चाहिए. विवि को ऑफ कैंपस खोलने के लिए प्रोसेसिंग शुल्क के रूप में 10 लाख रुपये एक मुश्त जमा करना होगा.

प्राइवेट विवि द्वारा कैंपस खोलने के लिए यूजीसी के पास आवेदन करने के बाद उक्त आवेदन को अनुमोदन के लिए गठित स्थायी समिति के समक्ष विचार करने के लिए रखा जायेगा. यूजीसी किसी भी ऑफ कैंपस के संबंध में स्वत: संज्ञान लेकर या शिकायत के आधार पर निरीक्षण कर सकता है. निरक्षण में अगर सत्यता मिलती है, तो आयोग उक्त कैंपस को बंद करने के लिए उचित कार्रवाई करेगा. अगर कैंपस बंद हो जाता है, तो इस स्थिति में कैंपस में चल रहे कोर्स में नामांकन लिये गये विद्यार्थियों को मुख्य कैंपस में स्थानांतरण करना होगा.

राज्य में 16 प्राइवेट विवि हैं

झारखंड में वर्तमान में 16 प्राइवेट विवि संचालित हैं. इनमें कई विवि पर यूजीसी मापदंड का पालन नहीं करने की शिकायत मिली है. राज्यपाल सह कुलाधिपति ने भी कई बार विवि को चेतावनी भी दे चुके हैं. साथ ही यह भी कहा है कि फिलहाल राज्य में अब किसी नयी प्राइवेट विवि की स्थापना पर वे विचार नहीं करेंगे. हाल ही में राज्य सरकार के बाद राज्यपाल ने प्रज्ञान विवि खोलने के प्रस्ताव को रद्द कर दिया है.

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