राज्यसभा चुनाव को लेकर नामांकन आज, डॉ सरफराज और डॉ प्रदीप वर्मा करेंगे पर्चा दाखिल
रविवार को मुख्यमंत्री आवास में सत्ता पक्ष के विधायकों की बैठक में डॉ सरफराज अहमद के नाम पर मुहर लगी. इधर भाजपा ने सत्ता पक्ष से आग्रह किया है कि सर्वसम्मति से दोनों प्रत्याशियों का चयन हो.
रांची : राज्यसभा चुनाव में सत्ता पक्ष और विपक्ष से एक-एक उम्मीदवार का नाम सामने आया है. सत्ता पक्ष की ओर से गांडेय के पूर्व विधायक डॉ सरफराज अहमद साझा उम्मीदवार होंगे. वह झामुमो के प्रत्याशी होंगे. वहीं भाजपा ने डॉ प्रदीप वर्मा को प्रत्याशी बनाया है. पक्ष-विपक्ष के दोनों प्रत्याशी सोमवार को नामांकन करेंगे. राज्यसभा चुनाव के लिए 11 मार्च नामांकन की आखिरी तारीख है. पक्ष-विपक्ष के पास एक-एक सीट का स्पष्ट बहुमत है. चुनावी मैदान में दो ही प्रत्याशी रहे, तो वोटिंग की नौबत नहीं आयेगी. सर्वसम्मति से प्रत्याशियों का चयन हो जायेगा.
रविवार को मुख्यमंत्री आवास में सत्ता पक्ष के विधायकों की बैठक में डॉ सरफराज अहमद के नाम पर मुहर लगी. इधर भाजपा ने सत्ता पक्ष से आग्रह किया है कि सर्वसम्मति से दोनों प्रत्याशियों का चयन हो. सत्ता पक्ष एक उम्मीदवार दे. दोनों ही दलों के पास एक-एक सीट के लिए स्पष्ट बहुमत है. वहीं हरिहर महापात्रा को नामांकन करने के लिए 10 विधायकों का समर्थन चाहिए. वहीं पक्ष-विपक्ष ने अपने-अपने विधायकों को गोलबंद कर रखा है.
क्या कहते हैं पक्ष और विपक्ष के नेता
सर्वसम्मति से सरफराज अहमद के नाम पर मुहर लगी है. वह महागठबंधन के साझा प्रत्याशी होंगे और 11 मार्च को दिन के 11 बजे अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे. इस मौके पर महागठबंधन के विधायक शामिल होंगे.
सुप्रियो भट्टाचार्य, केंद्रीय महासचिव झामुमो
धनपशुओं के कारण झारखंड पहले भी बदनाम हुआ है. पक्ष और विपक्ष के पास एक-एक सीट का आंकड़ा है. सत्ता पक्ष एक उम्मीदवार दे और निर्विरोध चुनाव सुनिश्चित करे.
अमर कुमार बाउरी, नेता प्रतिपक्ष
इरफान का हंगामा
महागठबंधन की बैठक में कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने हंगामा किया. उन्होंने सरफराज को महागठबंधन का प्रत्याशी बनाने को लेकर कराये जा रहे हस्ताक्षर पर आपत्ति जतायी. कहा कि यह सीट कांग्रेस की थी, लेकिन इसे झामुमो को देना पड़ रहा है. संख्या बल के आधार पर अपनी बदौलत ही झामुमो इस सीट के लिए चुनाव जीतने में सक्षम है, उसे कांग्रेस की जरूरत नहीं है. हमें यहां क्यों बुलाया गया है. इस सीट को लोकसभा की सीट से टैग नहीं किया जाये. हर हाल में लोकसभा चुनाव में एक सीट अल्पसंख्यक को मिले.