झारखंड राज्यसभा चुनाव : JMM की महुआ माजी व BJP के आदित्य साहू निर्विरोध राज्यसभा सदस्य निर्वाचित
Jharkhand Rajya Sabha elections: झारखंड राज्यसभा की दो सीटों के लिए भाजपा प्रत्याशी आदित्य साहू व झामुमो प्रत्याशी महुआ माजी निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं. आज इनकी जीत की घोषणा की गयी. झारखंड में 22 वर्षों में चौथी बार राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचन हुआ है.
Jharkhand Rajya Sabha elections: झारखंड राज्यसभा की दो सीटों के लिए भाजपा प्रत्याशी आदित्य साहू व झामुमो प्रत्याशी महुआ माजी की आज शुक्रवार को जीत की घोषणा की गयी. ये निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं. चुनाव आयोग की अनुमति मिलने के बाद विधानसभा के प्रभारी सचिव व निर्वाची पदाधिकारी जावेद हैदर ने दोनों की जीत की घोषणा की. 22 वर्षों में चौथी बार राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचन हुआ है.
राज्यसभा सदस्य निर्विरोध निर्वाचित
आपको बता दें कि झारखंड में राज्यसभा की दो सीटों के लिए दो ही उम्मीदवारों ने नामांकन किया था. दोनों उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी पूरी कर इसकी सूचना चुनाव आयोग को भेज दी गयी थी. इसके बाद इनके निर्वाचित होने की घोषणा की गयी. राज्य निर्माण से अब तक 22 वर्षों में ये चौथी दफा है, जब राज्यसभा का निर्विरोध चुनाव हुआ. निर्विरोध निर्वाचन से पहले प्रभात खबर डॉट कॉम की महुआ माजी से खास बातचीत सुनिए.
झामुमो ने महुआ माजी को बनाया था उम्मीदवार
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने महुआ माजी को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया था. राज्य के सीएम व झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने झामुमो नेत्री व साहित्यकार महुआ माजी के नाम की घोषणा की थी. प्रभात खबर डॉट कॉम से खास बातचीत में महुआ माजी ने कहा कि वे पार्टी की उम्मीदों पर हर संभव खरा उतरने का प्रयास करेंगी. सदन में वे झारखंड की आवाज बनेंगी.
कार्यकर्ताओं की पार्टी है भाजपा
भाजपा ने आदित्य साहू को राज्यसभा का प्रत्याशी बनाया था. उन्होंने कहा कि वे पार्टी के जमीन से जुड़े कार्यकर्ता रहे हैं. भाजपा व आजसू ने एकजुटता दिखाते हुए एक साधारण कार्यकर्ता को प्रत्याशी बनाया है. इसके लिए वे सबके आभारी हैं. वे पार्टी के साधारण कार्यकर्ता हैं. उन्हें प्रत्याशी बनाने से कार्यकर्ताओं में यह संदेश गया है कि भाजपा में कोई भी कार्यकर्ता किसी पद पर जा सकता है.
चौथी बार हुआ निर्विरोध चुनाव
झारखंड में राज्यसभा चुनाव में काफी राजनीतिक उठापटक होती रही है. हॉर्स ट्रेडिंग तक के मामले सामने आये हैं. राज्यसभा चुनाव में विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर सीबीआई जांच तक चल रही है़ कई विधायक सीबीआई के घेरे में हैं. राज्य गठन के 22 वर्षों में चौथी बार निर्विरोध चुनाव हुआ. वर्ष 2004 में पहली बार यशवंत सिन्हा व स्टीफन मरांडी निर्विरोध चुनकर राज्यसभा गये थे़ उसके बाद वर्ष 2006 में माबेल रिबेलो व एसएस अहलूवालिया और वर्ष 2014 में निर्दलीय परिमल नथवाणी व प्रेमचंद गुप्ता निर्विरोध चुने गये थे.
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Posted By : Guru Swarup Mishra