खबर है कि राज्यसभा हॉर्स ट्रेडिंग 2016 की जांच कर रहे अनुसंधानकर्ता सह हटिया डीएसपी राजा मित्रा ने मामले को बंद करने की सिफारिश की है. इस पर रांची के सिटी एसपी अंशुमान ने अपने सुपरविजन में गंभीर सवाल खड़े किये हैं.
सिटी एसपी ने 17 नवंबर 2022 को अपने सुपरविजन में कहा है कि नौ सितंबर 2022 को मामले के वर्तमान अनुसंधानकर्ता हटिया डीएसपी राजा मित्रा ने कांड दैनिकी समर्पित की है. अनुसंधानकर्ता ने गांधीनगर के विधि विज्ञान प्रयोगशाला के ऑब्जर्वेशन ओपिनियन में बिंदु 12 और 13 का उल्लेख नहीं किया है.
वहीं एफएसएल रिपोर्ट के बिंदु 16 में बताये गये निर्देश के अनुसार ट्रांस्क्रिप्ट को भी तैयार करने की कोशिश अनुसंधानकर्ता ने नहीं की है. इसी तरह फोन से समाप्त किये गये डाटा (डिलिटेड डेटा) का एक डीवीडी तैयार कर गांधीनगर एफएसएल को भेजा गया था, लेकिन इसका भी अध्ययन अनुसंधानकर्ता ने नहीं किया. इससे ऐसा प्रतीत होता है कि मात्र कुछ बिंदुओं का ही जिक्र कर अनुसंधानकर्ता ने अनुसंधान को समाप्त करने की तरफ कंडिका 619 में अपना मंतव्य लिखा है.
इससे यह स्पष्ट तौर पर कहा जा सकता है कि उक्त मोबाइल फोन विषयांकित कांड से संबधित नहीं है और इन परिस्थितियों में लगाये गये आरोपों की पुष्टि करना संभव प्रतीत नहीं होता है, जबकि केस के अनुसंधानकर्ता को जांच रिपोर्ट के एनेक्सचर – बी में दर्शाये गये तथ्यों में तत्कालीन विधायक निर्मला देवी की पुत्री सह विधायक अंबा प्रसाद द्वारा ई-मेल के माध्यम से मंटू सोनी को इस कांड से संबंधित यह वीडियो / ऑडियो क्लिप्स भेजी गयी थी. वीडियो व ऑडियो क्लिप्स रिकवर किये गये डीवीडी में भी उपलब्ध है.
सिटी एसपी ने कहा कि अनुसंधानकर्ता को उक्त चीजों का अध्ययन करना चाहिए था, उसका ट्रांस्क्रिप्ट बनाना चाहिए था. साथ ही केस का अनुसंधान जारी रखना चाहिए था, लेकिन अनुसंधानकर्ता ने ऐसा नहीं कर अनुसंधान बंद करने का प्रयास किया है, जो साफ इंगित करता है कि अनुसंधान को सही दिशा में ले जाने की कोई रुचि नहीं है. इस मामले में ट्रेनिंग डीजी अनुराग गुप्ता, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास और इनके तत्कालीन राजनीतिक सलाहकार को आरोपी बनाया गया था.
सिटी एसपी ने सुपरविजन रिपोर्ट में अनुसंधानकर्ता को निर्देश दिया है कि अंबा प्रसाद द्वारा भेजी गयी वीडियो-ऑडियो क्लिप्स, रिकवर डीवीडी पर है, उसका अध्ययन कर उसका ट्रांस्क्रिप्ट तैयार कर उसे कांड दैनिकी में अंकित करें. साथ ही कांड से संबधित मूल डीवीडी, जो कोर्ट के निर्देशन में बनायी गयी है, उनमें उपलब्ध क्लिप्स से मिलान करें, साथ ही उसका ट्रांस्क्रिप्ट भी तैयार करें.
यह हमारा विभागीय मामला है. इस मामले में मैं कुछ भी नहीं बोल सकता.
अंशुमान, सिटी एसपी
अभी फाइल मेरे पास नहीं आयी है. फाइल देखने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.
कौशल किशोर, एसएसपी