Jharkhand Rajysabha Election : झारखंड में राज्यसभा की दो सीटों के लिए होने वाला चुनाव अब पूरा हो चुका है. यहां की दो सीटों में क्रमश: जेएमएम की प्रत्याशी महुआ माजी और भाजपा के प्रत्याशी आदित्य साहू निर्विरोध चुनकर राज्यसभा सदस्य बने हैं. राज्य में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, जब कोई प्रत्याशी निर्विरोध चुना गया हो. इससे पहले चार उदाहरण ऐसे हैं, जो बताते हैं कि झारखंड में निर्विरोध चयन का चलन रहा है. इस बार के राज्यसभा चुनाव की प्रक्रिया के दौरान जितनी गहमागहमी उम्मीदवारों के नाम की घोषणा को लेकर रही उतनी गहमागहमी चुनाव-मतदान को लेकर देखने को नहीं मिली. झारखंड राज्स से राज्यसभा तक के इस सफर में जेएमएम प्रत्याशी को जहां कांग्रेस के अतिरिक्त राजद का साथ मिला, वहीं भाजपा के उम्मीदवार आदित्य साहू को उनकी खुद की पार्टी के साथ आजसू ने सहयोग दिया.
बिहार से अलग हो कर झारखंड को बने 22 साल हुए हैं. इन 22 सालों में ऐसा चौथी बार हुआ है, जब राज्यसभा के लिए उम्मीदवारों का चयन निर्विरोध हुआ है. पूर्व के निर्विरोध चयन को देखें तो वर्ष 2004 में पहली बार यशवंत सिन्हा और स्टीफन मरांडी निर्विरोध निर्वाचित होकर राज्यसभा गये थे. उसके बाद वर्ष 2006 में माबेल रिबेलो और एसएस अहलूवालिया का चयन निर्विरोध किया गया. फिर तीसरी बार वर्ष 2014 में निर्दलीय परिमल नथवाणी एवं प्रेमचंद गुप्ता निर्विरोध निर्वाचित हुए थे. इसके बाद वर्ष 2022 में महुआ माजी और आदित्य साहू निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं.
बताते चलें कि साल 2022 के झारखंड राज्यसभा चुनाव में सत्ता पक्ष और विपक्ष की स्थिति स्पष्ट थी. इस राज्यसभा चुनाव के लिए सत्ता पक्ष के पास बहुमत के आंकड़े मौजूद थे. जेएमएम प्रत्याशी महुआ माजी को न केवल कांग्रेस का समर्थन मिला बल्कि राजद ने भी अपना भरपूर समर्थन दिया. अब विपक्ष में बैठी पार्टी भाजपा के प्रत्याशी की बात करें तो बीजेपी को आजसू का समर्थन मिलने से उनके प्रत्याशी आदित्य साहू को भी राज्यसभा जाने का रास्ता आसान हो गया. चुनाव परिणाम की जर्नी को देखें तो झारखंड में एक सीट जीतने के लिए 27 वोट की जरूरत थी, जिसे सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने आसानी से प्राप्त कर लिया. दोनों के पास प्रर्याप्त वोट होने से ऐसा संभव हो सका.
पार्टी : विधायकों की संख्या
झामुमो : 30
कांग्रेस : 17
राजद : 01
भाजपा : 26
आजसू : 02
एनसीपी : 01
निर्दलीय : 02
माले : 01