झारखंड रक्षा शक्ति विवि के कुलपति पीआरके नायडू हर माह अपने घर में नहाने के पांच प्रकार के साबुन, डिटर्जेंट, रूम फ्रेशनर, फिनाइल आदि पर 20 हजार रुपये खर्च करते हैं. यह राशि वे अपनी जेब से नहीं, बल्कि विवि के खाते से अपने आवासीय कार्यालय के नाम पर खर्च कर रहे हैं. इतना ही नहीं कुलपति श्री नायडू हर माह गलत ढंग से वेतन भी उठा रहे हैं.
यूजीसी व राज्य सरकार द्वारा निर्धारित वेतनमान 2.10 लाख रुपये की जगह बिना वेतनमान निर्धारित किये वे हर माह दो लाख 24 हजार 400 रुपये व अन्य भत्ता हासिल कर रहे हैं. केंद्र से डीए बढ़ते ही वे अपना डीए भी बढ़ा लेते हैं. विवि के कुलपति पीआरके नायडू द्वारा वित्तीय अनियमितता की शिकायत के आधार पर राज्यपाल सह कुलाधिपति ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
कुलपति अपने नाम पर दो गाड़ी रखे हुए हैं. एक टोयोटा इनोवा अपने आधिकारिक उपयोग जैसे कार्यालय आने-जाने के लिए और दूसरी गाड़ी महिंद्रा बोलेरो अपने घरेलू उपयोग के लिए ले रखी है. इसके अलावा दो अन्य गाड़ियां भी अपने पास रखे हुए हैं. आइपीएस व झारखंड पुलिस सेवा से सेवानिवृत्त अधिकारी श्री नायडू पर विवि का शुल्क निजी बैंक खाते जैसे -उत्कर्ष लघु वित्त बैंक व अन्य निजी बैंक में जमा करने का भी आरोप है.
कुलपति श्री नायडू पुलिस मुख्यालय, एसीबी व पुलिस हाउसिंग बोर्ड में भी कार्य कर चुके हैं. ऐसे में वहां कार्य करनेवाले कई ठेकेदार विवि में भी कार्य करते हैं. मई 2020 में झारखंड रक्षा शक्ति विवि का कुलपति बनने के बाद भी झारखंड पुलिस के दो ड्राइवर का अब भी उपयोग कर रहे हैं. इन पर यह भी आरोप है कि विवि में माली, प्लंबर, कारपेंटर, इलेक्ट्रिशियन, स्वीपर आदि की चतुर्थ श्रेणी में बहाली की है, लेकिन इनमें से ज्यादातर कर्मी कुलपति के आवास पर ही कार्य करते हैं.
कुलपति के विरुद्ध राजभवन व उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग में मोनोक्रोम लैब की निदेशक सादिया फातिमी ने भी अलग से लिखित शिकायत की है. इस आधार पर भी राजभवन ने कुलपति से जनवरी 2022 से निविदाओं/कार्य आदेश/आपूर्ति आदेश से संबंधित जानकारी मांगी है. राजभवन ने विवि के रजिस्ट्रार से भी जानकारी मांगी है. उल्लेखनीय है कि कुलपति श्री नायडू का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. ऐसे में राज्यपाल ने उन्हें सिर्फ रूटीन कार्य करने का निर्देश दिया है.
कुलपति द्वारा की जा रही वित्तीय अनियमितता की शिकायत व विस्तृत जानकारी राजभवन को विवि के ही तत्कालीन वित्त पदाधिकारी सत्य प्रकाश लिखित रूप से दे चुके हैं. कुलपति श्री नायडू ने योगदान करने के बाद श्रीकृष्ण लोक प्रशासन संस्थान परिसर में स्थित अस्थायी भवन में चल रहे विवि परिसर के सौंदर्यीकरण पर एक करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर दिया. जबकि, इस राशि के खर्च के लिए उच्च शिक्षा विभाग से कोई अनुमोदन नहीं लिया गया. अपने बच्चों का शिक्षण शुल्क भी विवि खाते से लेने की शिकायत की गयी है.