रांची: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मतदाता जागरूकता अभियान चलाने में सक्रियता के आधार पर देशभर के टॉप 10 राज्यों की सूची में झारखंड पहले पायदान पर रहा है. भारत निर्वाचन आयोग द्वारा गुरुवार की शाम को जारी किए गए ‘सोशल मीडिया परफॉर्मेंस इंडेक्स’ में झारखंड को पहला स्थान प्राप्त हुआ है. बता दें कि झारखंड में मतदाता जागरूकता को लेकर लगातार कई बड़े सोशल मीडिया अभियान चलाए गए हैं. झारखंड के सीईओ (मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी) के रवि कुमार ने कहा कि किसी भी सामाजिक मुद्दों को लेकर जागरूकता अभियान चलाने में सोशल मीडिया की भूमिका अहम है.
सामाजिक मुहिम के लिए सोशल मीडिया प्रभावी माध्यम
झारखंड के सीईओ (मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी) के रवि कुमार ने कहा कि वर्तमान परिवेश में मतदाता जागरूकता जैसे किसी भी सामाजिक मुद्दों को लेकर जागरूकता अभियान चलाने के लिए सोशल मीडिया एक सशक्त और प्रभावी माध्यम है. इस बार झारखंड में इस दिशा में सोशल मीडिया का सकारात्मक प्रयोग किया गया. न केवल मुख्यालय स्तर से कई सोशल मीडिया अभियान चलाए गए, बल्कि राज्य के कुछ जिला निर्वाचन पदाधिकारियों ने भी अपने स्तर पर कई हैशटैग अभियान चलाए. इनमें आम लोगों की भी अहम सहभागिता रही. कई हैशटैग अभियान देशभर में ट्रेंड भी हुए. उन्होंने कहा कि भविष्य में भी आम नागरिकों से इसी तरह की सकारात्मक भूमिका की अपेक्षा होगी.
14 मानकों के आधार पर मूल्यांकन के बाद जारी होती है मासिक रैंकिंग
झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के सोशल मीडिया नोडल पदाधिकारी संजय कुमार ने जानकारी दी कि देश के सभी राज्यों के सीईओ कार्यालयों की सोशल मीडिया सक्रियता की रैंकिंग के लिए निर्वाचन आयोग की ओर से जो हर माह परफॉर्मेंस इंडेक्स तैयार होती है. उसमें 14 विभिन्न मानकों को आधार बनाया जाता है. इन मानकों में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की कुल मासिक रीच, सब्सक्राइबर संख्या में आनुपातिक वृद्धि, नवाचारी अभियानों की संख्या, क्षेत्रीय भाषाओं में पोस्ट की संख्या, दिव्यांग जनों के अनुकूल सामग्री का प्रयोग, स्थानीय आईकॉन व सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के साथ समन्वय, लाइव संवाद समेत अन्य प्रमुख रूप से शामिल हैं.
झारखंड के साथ राजस्थान को भी पहली रैंकिंग
झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के सोशल मीडिया नोडल पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि झारखंड की ये रैंकिंग बीते अप्रैल माह में सोशल मीडिया पर किए गए विभिन्न सकारात्मक प्रयासों को लेकर है. इसमें राजस्थान को भी झारखंड के साथ संयुक्त रूप से पहला स्थान मिला है. कर्नाटक को दूसरा एवं उत्तराखंड को तीसरा स्थान मिला है.