Jharkhand News: झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि राज्य के सभी बिरसा किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड से आच्छादित करना है. सभी बिरसा कृषक चाहे वे पीएच कार्ड धारक हों, हरा राशन कार्ड, सफेद राशन कार्ड या बंटाईदार हों, उन्हें किसान क्रेडिट कार्ड से जोड़कर लाभान्वित कराना हमारा लक्ष्य है. श्री बादल ने कहा कि बैंक से सामंजस्य स्थापित कर अधिक से अधिक जरूरतमंद कृषकों को इसका लाभ दिलवाएं. बेवजह किसी का आवेदन बैंक द्वारा रिजेक्ट न किया जाए. वे आज शनिवार को नेपाल हाउस में आयोजित प्रमण्डलस्तरीय समीक्षा बैठक में दक्षिण छोटानागपुर प्रमंडल के विभिन्न जिलों के उपायुक्तों के साथ कृषि विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यों की समीक्षा कर रहे थे.
कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि राज्य में हर दो पंचायत पर एक धान अधिप्राप्ति केंद्र खोला जाए तथा उसे लैंपस व पैक्स से जोड़ा जाए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था कराई जाए जिससे किसानों को उनके आवास के निकट ही धान के सैंपल को चेक किया जा सके. श्री बादल ने कहा कि मत्स्य उत्पादन के लिये तालाबों की नीलामी में पारदर्शिता लाई जाए, जिससे इसमें अधिक लोग शामिल हो सकें. अधिक लोगों के शामिल होने से सरकार के राजस्व में भी वृद्धि होगी.
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झारखंड के कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य में सिंचाई व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिये नए तालाबों के निर्माण के साथ-साथ पुराने तालाबों के जीर्णोद्धार पर भी विशेष ध्यान देना है. डोभा निर्माण एवं डीप बोरिंग सिस्टम की व्यवस्था भी किसानों को कराई जाए. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पशुधन योजना से लोगों को जोड़ें, ताकि कृषकों के सर्वांगीण विकास में मदद मिल सके.
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कृषि सचिव अबु बकर सिद्दिकी ने समीक्षा के क्रम में प्रमंडल के सभी जिले के उपायुक्तों को कहा कि हमारी प्राथमिकता अधिक से अधिक लाभुकों को लाभ दिलाना है. इसके लिए कृषि विभाग की योजनाओं के प्रचार प्रसार में फ्लैक्स, नुक्कड़ नाटक, कृषि मेला का इस्तेमाल कोविड गाइडलाइन के अनुरूप करें, जिससे अधिक से अधिक लोगों को योजनाओं का लाभ उठाने के लिये जागरूक किया जा सके. उन्होंने कहा कि सभी जिले के उपायुक्त कृषि विभाग की समीक्षा समय-समय पर करते रहें एवं मुख्यालय को इससे संबंधित आवश्यक्ताओं से अवगत कराते रहें. उन्होंने कहा कि किसी जिले में यदि कोई नई पहल होती है तो उसे साझा करें.
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उपायुक्तों द्वारा कृषि विभाग में मैन पावर की कमी की ओर विभाग का ध्यान आकृष्ट कराया गया. बताया गया कि इस वजह से योजनाओं को मूर्त रूप देने में समस्या आ रही है. इस पर कृषि सचिव ने कहा कि नियमावली के अनुसार आउटसोर्स से भी मैनपॉवर बहाल कर लें एवं झारखंड बनने के बाद के जो नए जिले बने हैं वे कृषि विभाग के सैंक्शन पद को लेकर आवेदन मुख्यालय को उपलब्ध करा दें. समीक्षा बैठक में कृषि निदेशक निशा उरांव, पशुपालन निदेशक शशिप्रकाश झा, मत्स्य निदेशक एचएन द्विवेदी, सहकारिता निबंधक मृत्युंजय वर्णवाल, समिति निदेशक सुभाष सिंह एवं विशेष सचिव प्रदीप हजारे सहित विभाग के पदाधिकारी उपस्थित थे.
Posted By : Guru Swarup Mishra