मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर राज्य भर के जनवितरण प्रणाली दुकान का औचक निरीक्षण किया गया. विभिन्न जिलों में अनियमितता मिलने पर राशन दुकानों का लाइसेंस रद्द किया गया. कई पीडीएस डीलरों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया. मुख्यमंत्री को सरकार द्वारा उपावंटित राशन सामग्री की मात्रा के अनुसार, पीडीएस दुकानदारों द्वारा लाभुकों के बीच वितरण नहीं करने की शिकायत मिली थी.
उनके निर्देश पर निरीक्षण के लिए जिलास्तर पर विशेष रूप से पदाधिकारियों की नियुक्ति की गयी थी. निरीक्षण में दुकान के प्रमुख स्थान पर सूचना पट्ट पर अनुज्ञप्ति संख्या, अनुज्ञप्तिधारी का नाम व पता, दुकान खुलने एवं बंद होने का समय, विभिन्न श्रेणी के कार्डधारी की संख्या, विभिन्न श्रेणी के कार्डधारी के लिए राशन की मात्रा एवं दर, स्टॉक का वितरण प्रदर्शित नहीं करने की अनियमितता पायी गयी.
लोहरदगा में 63, गिरिडीह में 56, पाकुड़ में 66, सरायकेला खरसावां में 39, हजारीबाग में 80, रामगढ़ में 46, देवघर में 40, धनबाद में 62, दुमका में 166, पलामू में 117, बोकारो में 78, गोड्डा में 94, साहिबगंज में 38, लातेहार में 36, सिमडेगा में 13, पश्चिमी सिंहभूम में 36, पूर्वी सिंहभूम में 55, गुमला में 53, रांची में 93, कोडरमा में 50, खूंटी में 51 व चतरा में 65 जन वितरण प्रणाली दुकान का औचक निरीक्षण किया गया.
गड़बड़ी मिलने पर हजारीबाग में तीन पीडीएस दुकानों की अनुज्ञप्ति रद्द कर 17 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया. लोहरदगा के 13 दुकान की अनुज्ञप्ति रद्द करते हुए 19 दुकानदारों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया. सरायकेला- खरसावां में पांच दुकान को निलंबित कर 22 दुकान को कारण बताओ नोटिस जारी किया. रांची में 14 दुकानों को कारण बताओ नोटिस जारी.
पाकुड़ में एक दुकान की अनुज्ञप्ति रद्द व नौ दुकान को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया. रामगढ़ में छह दुकानों को निलंबित करते हुए 14 दुकानदारों से स्पष्टीकरण मांगा गया. वहीं, पलामू में 14 व बोकारो में 56 पीडीएस दुकानदारों से स्पष्टीकरण मांगा गया. इसके अलावा खूंटी में तीन और चतरा में छह दुकानों को निलंबित एवं 37 जनवितरण प्रणाली विक्रेताओं से स्पष्टीकरण मांगा गया है.