मणिपुर में दो आदिवासी महिलाओं से गैंगेरप के बाद उनको निर्वस्त्र कर घुमाने और उन्हें प्रताड़ित किये जाने की घटना का झारखंड में भी जोरदार विरोध हो रहा है. सामाजिक संगठनों से लेकर राजनीतिक दल तक ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. रविवार को सामाजिक संगठनों ने मणिपुर की पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए मानव शृंखला बनायी, तो कांग्रेस की महिला सांसदों और विधायकों ने सभी प्रमंडलों में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस घटना का विरोध किया.
मेन रोड से कांटाटोली चौक तक मानव शृंखला
राजधानी रांची में मेन रोड से कांटाटोली चौक तक मानव शृंखला बनायी गयी. इसमें विभिन्न आदिवासी संगठनों के साथ-साथ अन्य जाति, धर्म के लोग भी शामिल थे. सभी वर्गों के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने शांतिपूर्ण व लोकतांत्रिक तरीके से मणिपुर में हुई वीभत्स घटना के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया. मानव शृंखला का संयोजन मौलाना आजाद ह्यूमन इनीशिएटिव (माही) एवं साझा मंच झारखंड (समझ) के संयोजक इबरार अहमद ने किया.
मणिपुर की घटना ने पूरा भारत शर्मसार
इबरार अहमद ने कहा कि मणिपुर की घटना ने भारत की एकता और समरसता के लिए चिंता पैदा कर दी है. सिर्फ मणिपुर के लिए नहीं, बल्कि पूरे भारत को शर्मसार करने वाली घटना है. उन्होंने कहा कि सभी को मिलकर ऐसी घटनाओं को रोकने की पहल करनी होगी, ताकि भविष्य में फिर किसी महिला पर ऐसा अत्याचार न हो. रांची में मानव शृंखला में शामिल सभी सामाजिक संगठनों के लोगों के हाथों में मणिपुर की घटना के विरोध में तख्तियां व बैनर थे.
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कांग्रेस की महिला नेताओं ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस
दूसरी तरफ, इसी घटना के विरोध में झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी की महिला सांसद, विधायकों ने सभी प्रमंडलों में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया. प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में विधायक दीपिका पांडेय ने प्रेस को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि हर महिला का सम्मान बराबर होना चाहिए. महिला अगर भारतीय सेना के किसी जवान की पत्नी हो, जिसने करगिल युद्ध लड़ा हो, जिसने श्रीलंका में जाकर भारत का मान बढ़ाया हो, तो उसके प्रति सम्मान और ज्यादा होना चाहिए.
करगिल को बचा लिया, पत्नी को नहीं बचा पाया
उन्होंने कहा कि उस महिला की एक लाईन मुझे चुभ गयी, पीड़ा दे गयी कि मैंने करगिल को तो दुश्मनों से बचा लिया, लेकिन अपनी पत्नी, अपने बच्चे, अपने गांव को नहीं बचा पाया. उन्होंने कहा कि इससे वीभत्स कुछ नहीं हो सकता. आज पूर्वोत्तर जल रहा है. कहा कि हमारे प्रधानमंत्री 7 देशों का दौरा कर आये, लेकिन मणिपुर के लिए समय नहीं निकाल पाये. कम से कम यही अपील कर लेते कि मणिपुर में शांति स्थापित होनी चाहिए. लेकिन, उन्होंने मणिपुर के बारे में कुछ कहने की बजाय राजस्थान और छत्तीसगढ़ पर भाषण देकर ऐसी वीभत्स घटना का भी राजनीतिकरण कर दिया.
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दीपिका ने कहा- कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर गर्व
दीपिका पांडेय ने कहा कि हमें गर्व है अपने नेता राहुल गांधी पर. तमाम व्यवधान के बीच वो मणिपुर गये और वहां के सभी वर्गों के लोगों ने उन्हें गले लगाया. दीपिका पांडेय ने कहा कि दुख इस बात का भी है कि मणिपुर में शांति स्थापित करने की बजाय मणिपुर के मुख्यमंत्री कहते हैं कि ऐसी सैकड़ों घटनाएं होती हैं. यह बयान नैतिक पतन की पराकष्ठा है. यह भी कहा कि इस घटना से साफ हो गया कि बीजेपी के शासन महिलाओं का सम्मान नहीं है. उन्होंने कहा कि महिला बाल विकास मंत्री खामोश क्यों हैं. महिला होकर भी महिला पर हो रहे अत्याचार की निंदा नहीं कर सकतीं, तो आपको इस्तीफा दे देना चाहिए.
सेक्सुअल हरासमेंट को मणिपुर से जोड़ना गलत
हर प्रदेश में महिलाओं के साथ सेक्सुअल हरासमैंट अलग मुद्दा है, लेकिन उसको मणिपुर के साथ जोड़ना, मणिपुर के उस वीडियो के साथ जोड़ना गलत है. हर प्रदेश में, हर जगह पर, जहां महिलाओं से ऐसा दुर्व्यवहार होता है, कांग्रेस उसका विरोध करती है. पीड़िता के साथ खड़ी होती है.
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