झारखंड के एक लाख लोगों को मिलेगा पुनर्वास योजना का लाभ, 6500 करोड़ रुपये होगा खर्च
‘संशोधित झरिया पुनर्वास योजना’ के तहत असुरक्षित क्षेत्र के रूप में चिह्नित कुल 595 स्थलों में वैध-अवैध रूप से रहनेवाले लोग लाभान्वित होंगे. प्रभावित क्षेत्र में अवैध कब्जाधारियों की संख्या 72,882 है, जो जमीन के वैध मालिकों की संख्या के मुकाबले दोगुना से अधिक है
राज्य सरकार ने केंद्र द्वारा प्रस्तावित ‘संशोधित झरिया पुनर्वास योजना’ को सहमति दे दी है. संशोधित पुनर्वास योजना में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किये गये हैं. साथ ही कई मदों में लाभुकों को पहले से अधिक पैसा देने का प्रावधान किया गया है. इस तरह योजना पर कुल 6,550 करोड़ के खर्च का अनुमान है. संशोधित पुनर्वास योजना में कटऑफ डेट को वर्ष 2004 से बदल कर 2019 कर दिया गया है. इससे लाभुकों की संख्या में 51,655 की वृद्धि हुई है. अब लाभुकों की संख्या 53,291 से बढ़ कर 1,04,946 हो गयी है. राज्य सरकार ने संशोधित योजना को सहमति देते हुए इसे केंद्र सरकार को भेज दिया है.
‘संशोधित झरिया पुनर्वास योजना’ के तहत असुरक्षित क्षेत्र के रूप में चिह्नित कुल 595 स्थलों में वैध-अवैध रूप से रहनेवाले लोग लाभान्वित होंगे. प्रभावित क्षेत्र में अवैध कब्जाधारियों की संख्या 72,882 है, जो जमीन के वैध मालिकों की संख्या के मुकाबले दोगुना से अधिक है. पुनर्वास योजना में जमीन के वैध मालिकों और अवैध कब्जाधारियों को दी जानेवाली सुविधाओं में मामूली अंतर है. वैध मालिकों के 50 वर्ग मीटर में बना हुआ मकान देने का प्रावधान किया गया है, जबकि अवैध कब्जाधारियों के लिए यह 39.92 वर्ग मीटर है.
मकान के आकार के अलावा बाकी सारी सुविधाएं एक समान हैं. संशोधित योजना में शिफ्टिंग कॉस्ट को 10 हजार रुपये से बढ़ा कर 50 हजार रुपये कर दिया गया है. इसके अलावा संशोधित योजना में किराया के मद में एक लाख रुपये देने का प्रावधान किया गया है.
कुल 33,985 मकानों का निर्माण किया जायेगा :
पुनर्वास योजना के तहत कुल 33,985 मकानों का निर्माण किया जाना है. इसमें से 15,713 का निर्माण बीसीसीएल और 18,272 का निर्माण झरिया पुनर्वास विकास प्राधिकार द्वारा किया जायेगा. इसके अलावा नये मकानों का निर्माण नहीं किया जायेगा. सूचीबद्ध लोगों को मकान के बदले पांच लाख रुपये का भुगतान किया जायेगा.
पुनर्वास स्थल पर सभी नागरिक सुविधाएं यथा पेयजल, स्कूल, चिकित्सा आदि की व्यवस्था करने का प्रावधान किया गया है. इन नागरिकों सुविधाओं को 31 दिसंबर 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित है. बीसीसीएल को 30 सितंबर 2023 तक मकानों का निर्माण कार्य पूरा करने और 31 दिसंबर 2023 तक बीसीसीएल के कर्मचारियों को शिफ्ट करने का समय निर्धारित किया गया है. बीसीसीएल को प्रभावित क्षेत्र के मकानों को भी 31 दिसंबर तक ध्वस्त करने का समय दिया गया है.
मद वर्तमान संशोधित
मुआवजा जमीन का मुआवजा, 100 वर्ग मीटर जमीन का मुआवजा, 50 वर्ग मीटर
समान या 40 वर्ग मीटर में बना मकान में बना मकाम या पांच लाख रुपये
जीवनयापन 294.44 रुपये की दर से एक लाख रुपये(दो किस्त में) और
500 दिन की मजदूरी तीन लाख रुपये का कर्ज
किराया किराया नहीं मिलेगा एक साल के लिए किराया मद में
एक लाख रुपये(दो किस्त में)
शिफ्टिंग कॉस्ट 10 हजार रुपये 50 हजार रुपये