रांची का पहाड़ी मंदिर समेत इन मंदिरों की प्रबंध कमेटी होगी भंग, झारखंड धार्मिक न्यास बोर्ड का बड़ा फैसला
राज्य धार्मिक न्याय बोर्ड का मानना है कि प्रशासनिक अधिकारी कार्य के दबाव के चलते मंदिर के प्रबंधन में समय नहीं देते हैं. राज्य न्यास बोर्ड ने राज्य के 15 मंदिरों, आश्रमों व धार्मिक कार्यों से जुड़े प्रबंधन समितियों को नोटिस भेजा है.
सतीश कुमार, रांची :
राजधानी का पहाड़ी मंदिर रांची, मेन रोड का बजरंग बली मंदिर व भद्रकाली मंदिर इटखोरी की प्रबंध कमेटी भंग होगी. राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड इनकी प्रबंध कमेटी को भंग कर नयी कमेटी का खाका तैयार कर रहा है. पहाडी मंदिर विकास समिति में प्रशासनिक अधिकारियों की दखल खत्म की जायेगी. जिन कमेटियों में डीसी या एसडीओ शामिल हैं, उन्हें मुक्त किया जायेगा.
राज्य धार्मिक न्याय बोर्ड का मानना है कि प्रशासनिक अधिकारी कार्य के दबाव के चलते मंदिर के प्रबंधन में समय नहीं देते हैं. राज्य न्यास बोर्ड ने राज्य के 15 मंदिरों, आश्रमों व धार्मिक कार्यों से जुड़े प्रबंधन समितियों को नोटिस भेजा है. बंशीधर मंदिर गढ़वा, देउडी मंदिर, कमड़े आश्रम सहित कई धार्मिक प्रबंध समिति से पूरा हिसाब मांगा है. उनके निबंधन से जुड़े दस्तावेज बोर्ड ने मांगे हैं.
मिली सूचना के अनुसार, सिर्फ सात विभिन्न मंदिरों के प्रबंध समितियों ने बोर्ड को रिपोर्ट सौंपी है. राज्य न्यास बोर्ड नोटिस का जवाब नहीं देनेवालों के खिलाफ कार्रवाई करेगी. पिछले दिनों राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड की बैठक हुई. इस बैठक में बोर्ड ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं. बैठक में न्यास बोर्ड के अध्यक्ष जयशंकर पाठक, सदस्य संजीव तिवारी व राकेश सिन्हा मौजूद थे. नयी कमेटी के गठन के बाद दूसरे चरण में इन मंदिरों के विकास की रूपरेखा तय कर आगे की कार्रवाई की जायेगी.
मंदिरों का जीर्णोद्धार व श्रद्धालुओं को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए काम किया जायेगा. इधर बोर्ड ने एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए एक हाई पावर कमेटी देवघर भेजने का फैसला लिया है. देवघर में प्रबंध समिति को लेकर कोई फैसला नहीं लिया है. देवघर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए वहां प्रशासनिक हस्तक्षेप और समन्वय को जायज ठहराया है. हाई पावर कमेटी देवघर में धर्मशालाओं की वर्तमान स्थिति का जायजा लेगी. कई लोगों के दान से मिली जमीन और धर्मशाला को निजी हाथों में बेच दिया है. कमेटी ने पाया है कि देवघर में 27-28 से ज्यादा धर्मशाला थे, जिसमें कई की संपत्तियों का बंदरबांट हुआ है.
अखाड़ा कमेटी की जमीन का मांगेंगे हिसाब :
हजारीबाग, इटखोरी में अखाड़ा की जमीन का भी हिसाब न्यास बोर्ड मांग रहा है. बोर्ड को सूचना मिली है कि सैकड़ों एकड़ जमीन अखाड़ा की थी. कुछ खास लोगों की मिलीभगत से इसकी खरीद-बिक्री हुई है.
मंदिरों व धार्मिक स्थलों को कुछ लोगों ने जेबी संस्था बना लिया, ये श्रद्धालुओं के हैं : जयशंकर
राज्य धार्मिक न्याय बोर्ड के अध्यक्ष जयशंकर पाठक ने कहा कि पहले तीन मंदिरों के प्रबंध समिति को भंग करने का फैसला लिया गया है. अन्य समितियों से रिपोर्ट मांगी गयी है. यहां खर्च का हिसाब और अन्य दस्तावेज मांगे गये हैं.
कई मंदिर कमेटियों को नोटिस दिया गया है, कुछ कमेटियों ने जवाब दिया है, लेकिन बहुत के जवाब आने हैं. हम मंदिर और धार्मिक स्थलों को श्रद्धालुओं की सुविधा और उनके लिए सुगम बनाना चाहते हैं. चंद लोगों ने इसे अपनी जेबी संस्था बना ली है. सदस्य राकेश सिन्हा ने कहा कि हम मंदिर और धार्मिक स्थलों को बुनियादी सुविधा से दुरुस्त करना चाहते हैं. इनके प्रति श्रद्धालुओं की आस्था है, उसे और मजबूत करेंगे.