रांची : राजभवन में सिर्फ पांच विधायकों को ही अंदर जाने की अनुमति थी. लेकिन, सत्ता पक्ष के लगभग 45 विधायक तीन बसों से वहां पहुंच गये थे. बस को राजभवन के मुख्य प्रवेश द्वार पर ही रोक दिया गया. कहा गया कि अनुमति नहीं है, सिर्फ चंपई सोरेन, आलमगीर आलम, सत्यानंद भोक्ता, प्रदीप यादव व विनोद सिंह को जाने की अनुमति दी गयी. इसके बाद विधायक राजभवन के गेट पर ही हंगामा करने लगे.
इससे पहले दो बसों में सवार होकर सत्ता पक्ष के विधायक राजभवन पहुंचे थे. राजभवन पहुंचने के बाद गेट पर ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर, पूर्व सांसद सुबोधकांत सहाय सुरक्षाकर्मियों से भिड़ गये. यहां देर तक हो-हंगामा होता रहा. वहीं सुरक्षाकर्मी भी अड़े रहे. राजभवन के बाहर मौजूद विधायक व मंत्री के साथ-साथ पार्टी कार्यकर्ता भी चंपई सोरेन को रात में ही मुख्यमंत्री पद का शपथ दिलाने की मांग पर अड़े थे.
Also Read: किस मामले में हुई झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी, पढ़ें कब-कब क्या हुआ?
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि राजभवन मनमानी कर रहा है. तकनीकी रूप से जब कोई सीएम इस्तीफा देता है, तो दूसरा कोई दावा करता है, तो तत्काल उन्हें शपथ ग्रहण के लिए आमंत्रित किया जाना चाहिए. पर राज्यपाल ने ऐसा नहीं किया न ही विधायकों को अंदर जाने दे रहे हैं. जरूरत पड़ेगी तो विधायकों की परेड करायी जायेगी.
वहीं दीपिका पांडेय ने कहा कि पहले हमें आमंत्रित किया गया, फिर बाहर निकाल दिया गया. भाजपा के एजेंट की तरह राज्यपाल काम कर रहे हैं. राज्यसभा सांसद महुवा माजी ने कहा कि इडी ने सीएम हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया है. उन्होंने इस्तीफा दे दिया है. राज्यपाल ने नयी सरकार को शपथ ग्रहण का समय नहीं दिया है. हमारे पास संख्या बल पूरा है.
बहुमत के साथ दावा पेश किया है:
मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि हमलोगों ने दावा पेश कर दिया है. राज्यपाल हमें समय दें तो हमारे नेता शपथ लेंगे.