झारखंड में जल्द लागू होगा लघु उद्योगों के लिए रूरल इंडस्ट्रियल पॉलिसी, जानें क्या है झारखंड सरकार का प्लान
ग्रामीणों को सूक्ष्म एवं कुटीर उद्योग से जोड़ेगी सरकार, जल्द ही सरकार की मंजूरी के लिए भेजा जायेगा प्रस्ताव. पत्तल बनाने से लेकर मुर्गी व बकरी पालन में भी सहयोग करेगी सरकार.
वनोत्पाद व ग्रामोद्योग को बढ़ावा देने पर जोर :
बताया गया कि नीति में वनोत्पाद और ग्रामोद्योग को बढ़ावा देने पर जोर है. इसके लिए पहले सरकार अध्ययन करायेगी कि किस क्षेत्र में लोग किस प्रकार का काम कर रहे हैं. लोगों की इच्छा के अनुरूप ही उन्हें उद्योग लगाने में सहयोग किया जायेगा. जैसे कई इलाकों में लोग साल के पत्तों से पत्तल और दोना बनाते हैं.
सरकार इन्हें पहले प्रशिक्षित करेगी और उसके बाद मशीन आदि खरीदने के लिए सॉफ्ट लोन भी उपलब्ध करायेगी. इसके बाद इनके उत्पादों के लिए बाजार भी उपलब्ध करायेगी. ज्यादातर उत्पादों को सरकार खुद ही खरीद कर झारक्राफ्ट या खादी बोर्ड के माध्यम से बिक्री करायेगी. जरूरत पड़ेगी, तो शहरों में स्टॉल भी खोले जायेंगे.
प्रशिक्षण, उत्पाद व बाजार पर फोकस :
नीति में मूल रूप से पूंजी, प्रशिक्षण, उत्पाद व बाजार पर फोकस किया जायेगा. इसी तरह इमली के अलग-अलग उत्पाद बनाये जायेंगे.
ग्रामीणों के बीच मुर्गी पालन व अंडा उत्पादन में भी सहयोग किया जायेगा. इसी तरह बकरी, सूकर व गो पालन आदि के लिए भी सरकार मदद करेगी. ग्रामीण जो लोन लेंगे, उसमें 20 से 30 प्रतिशत तक सब्सिडी भी दी जायेगी. यदि कोई महिला लोन लेती है, तो उन्हें अतिरिक्त पांच प्रतिशत सब्सिडी दी जायेगी. साथ ही स्वयं सहायता समूह की महिलाएं भी यदि इस तरह का कोई काम करना चाहती हैं, तो सरकार उन्हें भी सहयोग करेगी. हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट, माटी कला आदि को भी इसके दायरे में रखा जायेगा.
एक करोड़ से कम की लागत वाले उद्योग आयेंगे दायरे में :
ग्रामीण क्षेत्र में एक करोड़ या इससे कम लागतवाले उद्योगों को रूरल इंडस्ट्रियल पॉलिसी का लाभ दिया जायेगा. नीति में पहले ऐसे उद्योगों को चिह्नित किया जायेगा. उसके बाद इस पॉलिसी के तहत कई प्रकार की छूट और सब्सिडी देने पर विचार किया जा रहा है. बताया गया कि सितंबर माह में इस नीति को कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेज दिया जायेगा.
Posted By : Sameer Oraon