रांची: झारखंड में प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति घोटाले में सीबीआइ ने झारखंड पुलिस से रिपोर्ट मांगी है. इसके लिए दिल्ली में पदस्थापित सीबीआइ के डीआइजी डॉ नितिन दीप ने झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा को पत्र लिखा है. इसमें बताया गया है कि भारत सरकार अल्पसंख्यक मंत्रालय से प्राप्त शिकायत पर दिल्ली सीबीआइ एसी-वन ब्रांच ने मामले में जांच के लिए प्रीलिमनरी इंक्वायरी दर्ज की है. इसमें अज्ञात अफसरों पर प्री-मैट्रिक स्कॉलरशिप में गड़बड़ी करने का आरोप है.
पत्र में कहा गया है कि प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना केंद्र की प्रायोजित योजना है. इसमें 14 स्कूलों के विद्यार्थियों के नाम पर छात्रवृत्ति घोटाला करने का आरोप है, जिसमें 10 स्कूल सिर्फ झारखंड के हैं. इस मामले में राज्य की पुलिस और एसीबी में प्राथमिकी दर्ज है. इसलिए मामले में छात्रवृत्ति घोटाले से जुड़े दर्ज केस और जांच रिपोर्ट की आवश्यकता है. इसके साथ ही दर्ज केस में पुलिस या एसीबी ने क्या कार्रवाई की, इसकी भी जानकारी चाहिए. रिपोर्ट मिलने के बाद सीबीआइ मामले की समीक्षा कर जांच कर सकती है.
राज्य में सबसे पहले छात्रवृत्ति घोटाले का मामला धनबाद में सामने आया था. इसके बाद राज्य के दूसरे जिलों में भी यह मामला सामने आया. धनबाद जिला प्रशासन की आरंभिक जांच में वर्ष 2019-20 के दौरान अल्पसंख्यक छात्रों को दी गयी प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति में करीब 10 करोड़ घोटाले का मामला सामने आया था.
जांच में पाया गया था कि कई स्कूलों के नाम पर भुगतान हुआ है, जिनका यू डायस कोड भी नहीं था. आरोपियों ने साजिश के तहत फर्जी छात्रों को छात्रवृत्ति का भुगतान करा दिया. कई छात्रों के अकाउंट की जानकारी नहीं मिली थी, क्योंकि उनका अकाउंट आधार से लिंक नहीं था. जांच रिपोर्ट के आधार पर बाद में स्थानीय थाना में केस भी दर्ज हुआ था. राज्य में विभिन्न जिलों में हुए घोटाले की जांच वर्तमान में सरकार के निर्देश पर एसीबी कर रही है.