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झारखंड : ई-सिगरेट और ब्राउन शुगर के शिकार हो रहे स्कूली बच्चे

नशे का कारोबार करनेवाले ड्रग पेडलर राजधानी के निजी स्कूलों में पढ़नेवाले बच्चों को शिकार बना रहे हैं. रांची के कई चौक-चौराहों पर और स्कूलों के आसपास की दुकानों में भी नशीले पदार्थ बिकते हैं.

By Jaya Bharti | December 11, 2023 3:48 PM

रांची, मनोज सिंह: राजधानी के निजी स्कूलों के बच्चों में ई-सिगरेट और ब्राउन शुगर का चलन तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे कई मामले शहर के कई निजी स्कूलों और चौक-चौराहों पर मिल जायेंगे. स्कूली बच्चों को ई-सिगरेट के आसानी से उपलब्ध हो रहे हैं. पढ़ाई-लिखाई में कमजोर बच्चों को शिकार बनाया जा रहा है. ब्राउन शुगर पिलाने के लिए किशोरों के ग्रुप को टारगेट किया जा रहा है. किसी विशेष अवसर पर इसकी शुरुआत पेडलर के आदमी कराते हैं. लत लगने पर इनका कारोबार शुरू हो जाता है. किशोरों के ग्रुप में एक या दो ही लड़कों को पता होता है कि ब्राउन शुगर कहां मिलेगा. फोन पर ऑर्डर करने पर डिलवरी कर दी जाती है. पैसे ऑन लाइन भुगतान लिया जाता है. लत वाले युवाओं का कहना है कि उनको पता नहीं होता है कि कौन बेच रहा है. जब भी जरूरत होती है, तो ग्रुप के किसी खास लड़के को संपर्क किया जाता है.

केस-1

कांके रोड के एक निजी स्कूल में कुछ बच्चों के पास से ई-सिगरेट पकड़े गये हैं. इसको लेकर बच्चों के परिजनों को चेतावनी दी गयी है. बच्चों को यह उपकरण शहरी क्षेत्र के कुछ युवाओं ने उपलब्ध कराया था. शुरुआती दिनों के लिए यह बिना पैसे के दिया गया था. अब बच्चों से पैसे की मांग की जा रही है. ई-सिगरेट एक उपकरण है, जिसमें नशीला तरल पदार्थ भरा होता है. देखने में यह किसी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट की तरह दिखता है. स्कूल ने आरोपी बच्चों स्कूल से निकाल दिया है.

केस-2

रांची इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरो साइकेट्री एंड एलायड साइंस (रिनपास) में 14 साल के किशोर का इलाज चल रहा है. उसे ब्राउन शुगर की लत है. उसके परिजन ने डॉक्टरों को बताया कि वह स्कूल से यह लत लेकर आया है. पहले सब कुछ ठीक था. बाद में वह अकेले रहने लगा. पैसे की जिद करता था. स्कूली छात्र ने डॉक्टरों को बताया कि स्कूल के आसपास ही उनको सब कुछ मिल जाता है. शहर में करीब-करीब सभी चौक-चौराहों पर यह आसानी से मिल रहा है.

ब्राउन शुगर के साथ तीन महीने में गिरफ्तार आरोपी

  • 01 सितंबर : 39 पुड़िया ब्राउन शुगर के साथ डोरंडा पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया.

  • 10 सितंबर : 17 पुड़िया ब्राउन शुगर के साथ लाेअर बाजार पुलिस ने दो आरोपियों गिरफ्तार किया.

  • 14 सितंबर : 10 पुड़िया ब्राउन शुगर, कफ सिरप व अन्य नशीली दवाओं के साथ अरगोड़ा थाना क्षेत्र से महिला गिरफ्तार.

  • 01 अक्तूबर : 50 पुड़िया ब्राउन शुगर के साथ पुंदाग ओपी की पुलिस ने एक महिला को गिरफ्तार किया.

  • 03 अक्तूबर : पांच ग्राम ब्राउन शुगर के साथ पुंदाग पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया.

  • 18 नवंबर : किशोरगंज से कोतवाली पुलिस ने 11 ग्राम ब्राउन शुगर के साथ दो लोगों को को गिरफ्तार किया.

ई-सिगरेट में लिक्विड के रूप में निकोटिन होता है. यह देश में प्रतिबंधित है. शुरू में युवा इससे निकलने वाले धुएं को एंज्वाय करते हैं. बाद में इसकी लत के शिकार हो जाते हैं. यह लंग्स के लिए बहुत ही खतरनाक है. यही हाल ब्राउन शुगर के लत वालों का है. रिनपास जैसे संस्थान में ही हर दिन तीन से चार ब्राउन शुगर लत वाले नये मरीज आ रहे हैं. बच्चे जब इलाज के लिए आते हैं, तो वह अपनी असली अवस्था में नहीं होते हैं. बच्चे ही बताते हैं कि शहर में कई युवा इस कारोबार से जुड़े हैं.

डॉ सिद्धार्थ सिन्हा, मनोचिकित्सक, रिनपास

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