आज से खुल रहे हैं 4 निजी विद्यालय, लेकिन 20% अभिभावक ही बच्चों को भेजना चाहते हैं स्कूल
jharkhand Schools Opening updates : 20% अभिभावक ही बच्चों को भेजना चाहते हैं स्कूल
parents opinion on school reopening in jharkhand रांची : स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के आदेश के बाद 10वीं से 12वीं तक के बच्चों के लिए सोमवार से राजधानी के चार निजी स्कूल खुलेंगे. इसमें विवेकानंद विद्या मंदिर, सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, डीएवी आलोक व डीपीएस शामिल है. वहीं डीएवी हेहल ने अभिभावकों के आग्रह पर 22 दिसंबर से स्कूल खोलने का निर्णय लिया है. इन स्कूलों के प्राचार्यों ने बताया कि स्कूल खोलने को लेकर अभिभावकों से वाट्सएेप व गूगल मिट के माध्यम से जानकारी ली गयी,
जिसमें 15 से 20 प्रतिशत अभिभावकों ने ही बच्चों को स्कूल भेजने की बात कही. करीब 80 प्रतिशत अभिभावकों ने कोरोना को लेकर बच्चों को स्कूल नहीं भेजने की बात कही. अभिभावकों का कहना था कि बच्चे ऑनलाइन क्लास में सहज मजसूस कर रहे हैं. स्कूल में प्रैक्टिकल का अभ्यास व संबंधित विषय के प्रश्नों के उत्तर के लिए बच्चे स्कूल जायेंगे, जो ऑनलाइन भी हो सकता है. वह अपने बच्चों को खतरे में नहीं डालना चाहते.
स्कूलों ने की तैयारी, एक बेंच पर एक विद्यार्थी बैठेंगे : करीब आठ माह बाद स्कूल खुलेंगे. इसके लिए स्कूल प्रबंधन ने व्यापक स्तर पर तैयारी की है. विवेकानंद विद्या मंदिर की प्राचार्या किरण द्विवेदी ने कहा कि सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन किया जायेगा. कक्षाओं को पूरी तरह से सैनिटाइज किया गया है. एक बेंच पर एक बच्चे बैठेंगे. पीछे का बेंच खाली रखा जायेगा. व्यवस्थित तरीके से बच्चों को कक्षा में प्रवेश कराया जायेगा और बाहर निकाला जायेगा.
तीन से चार घंटे संचालित होंगी कक्षाएं :
स्कूलों के प्राचार्यों ने कहा कि फिलवक्त तीन से चार घंटे ही स्कूल की कक्षाएं संचालित होंगी. विद्यार्थियों को प्रैक्टिकल का अभ्यास कराया जायेगा. वहीं जिस विषय के कोर्स की पढ़ाई नहीं हुई है, उसे पूरा किया जायेगा. डीएवी हेहल के प्राचार्य एमके सिन्हा ने कहा कि जो बच्चे स्कूल नहीं आयेंगे, उनके लिए शिक्षकों द्वारा पढ़ाये गये अध्याय का वीडियो रिकॉर्डिंग कर भेजा जायेगा.
अभिभावकों का कहना है कि ऑनलाइन क्लास में सहज मजसूस कर रहे हैं बच्चे
स्कूलों ने कहा : सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन किया जायेगा
प्रत्येक सेक्शन को सब सेक्शन में बदला गया है. नगर निगम के कर्मियों ने पूरे स्कूल को सैनिटाइज किया है. इसके अलावा विद्यार्थियों के लिए स्कूल गेट के पास घेरा बनाया गया है. वहां सैनिटाइज व थर्मल स्कैनिंग के बाद ही प्रवेश करने की अनुमति दी जायेगी. टिफिन क्लास में ही होगा. शौचालय को सैनिटाइज करने के लिए भी कर्मी को तैनात किया गया.
रमा शंकर, शिक्षक, सरस्वती शिशु विद्या मंदिर
जिन विद्यार्थियों के अभिभावकों ने अनुमति दी है या देंगे, उनके बच्चे को ही स्कूल में प्रवेश करने दिया जायेगा. स्कूल में सैनिटाइजर मशीन व थर्मल स्कैनर की व्यवस्था की गयी है. कक्षाओं में विद्यार्थियों के बैठक के लिए अलग-अलग व्यवस्था की गयी है.
डॉ अशोक कुमार, प्राचार्य, डीएवी आलोक
जिलों को प्रतिदिन देनी होगी बच्चों की उपस्थिति की रिपोर्ट
राज्य में कक्षा 10 व 12वीं के बच्चे सोमवार से अभिभावक की सहमति से विद्यालय आयेंगे. विद्यालय संचालन को लेकर विभागीय अधिकारियों ने जिला शिक्षा पदाधिकारी व जिला शिक्षा अधीक्षक के साथ ऑनलाइन बैठक की. सभी जिलों को बच्चों की उपस्थिति रिपोर्ट प्रतिदिन राज्य मुख्यालय को देनी होगी. इसके लिए झारखंड शिक्षा परियोजना की आेर से जिलों को फॉर्मेट उपलब्ध कराया जायेगा.
कक्षा संचालन शुरू करने के पूर्व सभी स्कूलों को सैनिटाइज करने का निर्देश दिया गया है. रविवार को विद्यालय बंद होने के कारण अधिकतर सरकारी विद्यालयों का सैनिटाइजेशन नहीं हो सका. ऐसे में सभी विद्यालयों में कक्षा संचालन शुरू होने की संभावना कम है.
स्कूलों को उपलब्ध कराया जा रहा थर्मल गन :
विद्यालयों की साफ-सफाई व सैनिटाइजेशन के लिये जिला आपदा प्रबंधन समिति, नगर निगम/नगरपालिका तथा प्रखंड स्तर पर पंचायत कार्यालय से संपर्क करने का निर्देश दिया गया. कई जिलों के द्वारा बताया गया कि स्कूलों को थर्मल गन उपलब्ध करा दिया गया है.
स्कूल में उपलब्ध होगा सहमति पत्र :
अभिभावकों को सहमति पत्र पर बच्चों को विद्यालय आने की सहमति देनी होगी. स्कूलों में सहमति पत्र उफलब्ध होगा. अभिभावक विद्यालय से सहमति पत्र ले सकते है. विद्यार्थी हस्तलिखित पत्र पर भी अभिभावक से सहमति ले सकते हैं.
ठंड की छुट्टी पर निर्णय जल्द :
स्कूलों में ठंड की छुट्टी पर जल्द ही जिलों को दिशा-निर्देश भेजा जायेगा. शिक्षा परियोजना के निदेशक शैलेश चौरसिया ने बताया फिलहाल स्कूलों का संचालन पूर्व के कैलेंडर के अनुरूप किया जाये.
स्कूलों में साफ-सफाई और सैनिटाइजेशन की प्रक्रिया शुरू
नजदीक के स्कूल में कक्षा कर सकती हैं कस्तूरबा स्कूल की छात्राएं
अभी आवासीय विद्यालय खोलने पर फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया गया है. एेसे में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की कक्षा 10 व 12वीं की की छात्राओं को निकट के विद्यालय में कक्षा करने की अनुमति देने संबंधित प्रस्ताव शिक्षा विभाग की ओर से आपदा प्रबंधन विभाग को भेजेगा. उल्लेखनीय है कि राज्य में 203 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय व 57 झारखंड बालिका आवासीय विद्यालय है.
posted by : sameer oraon