झारखंड बीज घोटाला: मंत्री सत्यानंद भोक्ता ACB कोर्ट में पेश, कृषि पदाधिकारी निस्तार मिंज पर आरोप गठित

Jharkhand Seed Scam: कृषि मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कृषि बीज घोटाला मामले में डिस्चार्ज पिटीशन फाइल की थी. इस पर कोर्ट ने उन्हें अदालत में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने के लिए कहा. कोर्ट के इसी आदेश के आलोक में मंत्री आज कोर्ट में पेश हुए.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 9, 2022 6:26 PM

Jharkhand Seed Scam: झारखंड कृषि बीज घोटाला मामले में शुक्रवार को पूर्व कृषि मंत्री सत्यानंद भोक्ता (Satyanand Bhokta) रांची स्थित एसीबी कोर्ट (ACB Court Ranchi) में हाजिर हुए. कोर्ट ने पूर्व कृषि पदाधिकारी निस्तार मिंज (Nistar Minj) पर आरोप का गठन कर दिया. इसके साथ ही एसीबी के विशेष न्यायाधीश प्रकाश झा ने केस की अगली तारीख 22 दिसंबर मुकर्रर कर दी. मामला वर्ष 2014 में हुए बीज घोटाला से जुड़ा है.

भोक्ता पर हाईकोर्ट लगा चुका है 50 हजार का जुर्माना

पूर्व कृषि मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कृषि बीज घोटाला (Seed Scam) मामले में डिस्चार्ज पिटीशन फाइल की थी. इस पर कोर्ट ने उन्हें अदालत में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने के लिए कहा. कोर्ट के इसी आदेश के आलोक में मंत्री आज कोर्ट में पेश हुए. इससे पहले पिछले महीने झारखंड हाइकोर्ट (Jharkhand High Court) ने उन पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था.

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46 करोड़ रुपये का है बीज घोटाला

बता दें कि बीज घोटाला में जब आरोप पत्र दायर किया गया था, तब सत्यानंद भोक्ता कृषि मंत्री थे. इस वक्त वह श्रम एवं नियोजन मंत्री हैं. वर्ष 2004 से 2007 के बीच 46 करोड़ रुपये से अधिक का बीज घोटाला हुआ था. इस दौरान कुछ संस्थाओं से गेहूं, चना और दूसरे अनाज के बीज की खरीद के नाम पर कथित तौर पर गबन हुआ था.

2014 में दायर हुआ था चार्जशीट

विनीत कच्छप ने इस संबंध में एक प्राथमिकी दर्ज करवायी थी. विनीत ने कृषि मंत्री और कृषि विभाग के कई अन्य पदाधिकारियों पर बीज घोटाला में शामिल होने के आरोप लगाये थे. इस शिकायत के आधार पर वर्ष 2014 में तब के कृषि मंत्री सत्यानंद भोक्ता और अन्य के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया गया था.

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सत्यानंद भोक्ता ने हाईकोर्ट से की थी ये मांग

सत्यानंद भोक्ता ने हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल कर कहा था कि इस मामले की जांच को और ज्यादा न बढ़ाया जाये. इस पर कोर्ट ने नाराजगी जतायी. भोक्ता की याचिका तो खारिज कर ही दी, उन पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगा दिया. मंत्री से कहा गया कि जुर्माने की राशि वह झारखंड स्टेट लीगल सर्विसेज के अकाउंट में जमा करवायें.

रिपोर्ट : अजय दयाल, रांची

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