आदिवासी नौकरानी को प्रताड़ित करने के मामले में सीमा पात्रा अरेस्ट, 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेजी गयी
आदिवासी नौकरानी को प्रताड़ित करने के मामले में भाजपा की निलंबित नेता सीमा पात्रा को अशोक नगर स्थित आवास से गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस ने उन्हें रांची की अदालत में पेश किया. कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है.
Ranchi News: आदिवासी नौकरानी को प्रताड़ित करने के मामले में भाजपा की पूर्व नेत्री सीमा पात्रा (Seema Patra Bjp) को अशोक नगर स्थित आवास से गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्हें सुबह अरगोड़ा थाना से आयी पुलिस की टीम ने गिरफ्तार किया. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक गिरफ्तारी के बाद कागजी कार्रवाई पूरी की जायेगी. बुधवार को उन्हें कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया. सरकारी वकील प्रदीप चौरसिया ने यह जानकारी दी. हालांकि, कोर्ट में सीमा पात्रा ने खुद को बेकसूर बताया.
कौन हैं सीमा पात्रा
सीमा पात्रा रिटायर्ड आइएएस अधिकारी की पत्नी हैं. उनके पति का नाम महेश्वर पात्रा है. इसके साथ ही सीमा पात्रा भाजपा की महिला विंग की राष्ट्रीय कार्यसमिति की सदस्य रह चुकी हैं. नौकरानी को प्रताड़ित करने का मामला प्रकाश में आने के बाद उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था. बताते चलें कि रिटायर्ड आईएएस की पत्नी और भाजपा से निलंबित नेता सीमा पात्रा पर अरगोड़ा थाना में आईपीसी की धारा सहित एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था.
क्या है मामला
सीमा पात्रा ने अशोक नगर स्थित अपने आवास में लंबे समय से पीड़िता सुनीता खाखा को बंधक बनाकर रखी थी. जिसे पुलिस ने मुक्त कराया था. बीते आठ साल से घरेलू कामकाज के लिए रखी गयी युवती को लंबे समय से बुरी तरह प्रताड़ित किया जा रहा था. उसे घर से बाहर तक निकलने नहीं दिया जा रहा था. घर में बंधक बनी युवती ने किसी प्रकार मोबाइल पर विवेक आनंद बास्के नाम के एक सरकारी कर्मचारी को मैसेज भेजकर अपने ऊपर हो रहे अत्याचार के बारे में जानकारी दी थी. उन्हीं की सूचना पर अरगोड़ा थाने में शिकायत दर्ज की गयी थी.
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राज्यपाल ने कार्रवाई को लेकर डीजीपी से पूछा सवाल
राज्यपाल रमेश बैस ने रिटायर्ड आइएएस अधिकारी की पत्नी सीमा पात्रा द्वारा घर में काम करनेवाली युवती सुनीता के साथ अत्यंत अमानवीय तरीके से प्रताड़ित किए जाने के मामले को गंभीरता से लिया है. उन्होंने इस मामले में अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए राज्य के पुलिस महानिदेशक से पूछा है कि अब तक पुलिस द्वारा दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई. राज्यपाल ने पुलिस की शिथिलता पर भी अपनी गंभीर चिंता प्रकट की है.