सीएम हेमंत 5 जुलाई को झारखंड की नयी सोलर पॉलिसी को करेंगे लॉन्च, 4000 मेगावाट ऊर्जा उत्पादन का है लक्ष्य
वर्ष 2027 तक झारखंड में निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की भागीदारी से 4000 मेगावाट बिजली सौर ऊर्जा से उत्पादन करने का लक्ष्य रखा गया है. इसी को लेकर नयी सोलर पॉलिसी बनायी गयी है.
रांची : झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन पांच जुलाई को राज्य की नयी सोलर पॉलिसी लांच करेंगे. साल 2027 तक झारखंड में निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की भागीदारी से 4000 मेगावाट बिजली सौर ऊर्जा से उत्पादन करने का लक्ष्य रखा गया है. इसे लेकर नयी सोलर पॉलिसी बनायी गयी है. इसके तहत सौर ऊर्जा में निवेश के लिए कई प्रावधान किये गये हैं, ताकि निवेशक आकर्षित हो सकें.
वहीं, घरों में सोलर रूफ टॉप सोलर पावर प्लांट लगाने पर भी सब्सिडी का प्रावधान किया गया है. राज्य में तीन लाख वार्षिक आय वाले लोगों को अपने घर में तीन किलोवाट तक का सोलर प्लांट लगाने पर 60 प्रतिशत सब्सिडी दी जायेगी, जबकि तीन से दस किलोवाट का सोलर प्लांट लगाने पर 80 फीसदी सब्सिडी का प्रावधान किया गया है.
सौर ऊर्जा से चलने वाले उपकरणों जैसे कृषि उत्पादों के लिए सोलर ड्रायर, सौर ऊर्जा से चलने वाले कोल्ड स्टोरेज, सोलर डिसेलिनेशन, सोलर चरखा और अन्य को बढ़ावा दिया जायेगा. गौरतलब हैकि राज्य में करीब 45 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन किया जा रहा है. अगले दो से तीन महीने में निजी क्षेत्र की भागीदारी से 100 मेगावाट अतिरिक्त सौर ऊर्जा का उत्पादन शुरू हो जायेगा.
सोलर पॉलिसी की खास बातें
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डिस्कॉम की बिजली खरीद में 2023-24 तक सौर ऊर्जा की हिस्सेदारी 12.5% तक करना.
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2027 तक राज्य में 4000 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन.
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सोलर पार्क, सोलर ग्रिड, रूफटॉप सोलर सिस्टम, ऑफ ग्रिड सिस्टम को बढ़ावा.
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निजी क्षेत्र को निवेश के लिए प्रोत्साहित करने के लिए आकर्षित करने वाले प्रावधान व छूट.
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भारत सरकार के नियमानुसार राज्य सरकार सौर ऊर्जा से उत्पादित बिजली खरीदने में प्राथमिकता देगी.
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कृषि क्षेत्र में सोलर उपकरण के इस्तेमाल करने पर 30 प्रतिशत सब्सिडी का प्रावधान किया गया है.
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सोलर प्लांट लगाने के लिए जेरेडा में सिंगल विंडो सिस्टम की सुविधा दी जायेगी. इसके माध्यम से 60 दिनों के भीतर समयबद्ध तरीके से सभी वैधानिक मंजूरी और अनुमोदन प्रदान किये जायेंगे.
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सोलर प्लांट लगाने पर लीज डीड, भूमि खरीद पर स्टांप ड्यूटी में 100 फीसदी छूट सोलर परियोजनाओं के लिए भू उपयोग में परिवर्तन की स्थिति में कंवर्जन शुल्क माफ किया जायेगा. साथ ही कई तरह के करों में छूट व सहूलियत दी जा रही है.
Posted By: Sameer Oraon