Jharkhand news: झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो के न्यायाधिकरण में भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के दलबदल मामले की सुनवाई की. इस दौरान स्पीकर श्री महतो ने आठ बिंदुओं पर सुनवाई करते सभी पक्षों की एक साथ सुनवाई की. इस पर श्री मरांडी के अधिवक्ता आरएन सहाय ने आपत्ति जताते हुए कहा कि न्यायाधिकरण हमारी बातों को भी सुने. साथ ही कहा कि यहां सुनवाई कानूनी और संवैधानिक तरीके से नहीं हो रही है. दूसरी ओर, स्पीकर श्री महतो के न्यायाधिकरण में एक साथ सुनवाई के बाद इसे स्थगित कर दिया.
स्पीकर ने सुनवाई के लिए किया था इश्यू फ्रेम
बता दें कि भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के खिलाफ दलबदल को लेकर दायर चार मामलों की सुनवाई मंगलवार को हुई. स्पीकर श्री महतो ने सुनवाई के लिए इश्यू फ्रेम किया है. वहीं, स्पीकर के न्यायाधिकरण ने सुनवाई के आठ बिंदु तय किये हैं, जिस पर मंगलवार को एक साथ सुनवाई हुई. इस दौरान वादी-प्रतिवादी को अपना-अपना पक्ष रखने को कहा गया.
बाबूलाल मरांडी के अधिवक्ता ने जताया विरोध
वहीं, मंगलवार को हुई सुनवाई में स्पीकर के न्यायाधिकरण ने सभी पक्षों की एक साथ सुनवाई की. भाजपा विधायक दल के नेता श्री मरांडी के अधिवक्ता आरएन सहाय ने अपनी पक्ष रखने की भी बात कही. साथ ही कहा कि इस दौरान कानूनी और संवैधानिक तरीके से सुनवाई नहीं हो रही है.
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स्पीकर के तय इन आठ बिंदुओं पर हुई सुनवाई
– क्या झामुमो विधायक भूषण तिर्की, कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय, विधायक प्रदीप यादव और पूर्व विधायक राजकुमार यादव एवं बंधु तिर्की द्वारा दी गयी अर्जी अत्यधिक विलंब के कारण सुनने योग्य है या नहीं
– 16 फरवरी, 2020 को बाबूलाल मरांडी द्वारा भाजपा में शामिल होने की सूचना विधानसभा को उपलब्ध करायी गयी थी, उस दिन झाविमो के विधायकों की संख्या क्या थी और कौन-कौन लोग उस विधायक दल के सदस्य थे
– बाबूलाल मरांडी द्वारा इस प्रकार का पत्र दिया जाना कि 10वीं अनुसूची के तहत झाविमो को स्वेच्छा से छोड़ जाना माना जाएगा या नहीं
– बाबूलाल मरांडी द्वारा अकेले भाजपा में जाना 10वीं अनुसूची की पारा चार का लाभ उन्हें प्राप्त होगा या नहीं
– तथ्यों के आधार पर विलय का दावा करना 10वीं अनुसूची के पारा चार के तहत मान्य है या नहीं
– विधायक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की को पार्टी से निष्कासित करने के बाद कितने सदस्य संख्या पूर्ववत रही या नहीं
– बाबूलाल मरांडी तथ्यों और संवैधानिक प्रावधानों के आधार पर दलबदल करने के बाद झारखंड विधानसभा नियम 2006 के आधार पर निरर्हता से ग्रस्त हो गये हैं या नहीं और
– बाबूलाल मरांडी की सदस्यता यदि निरर्हता यानी अयोग्य घोषित हुए, तो किस तारीख से लागू होगी.
Posted By: Samir Ranjan.