नयी दिल्ली/ रांची : भारतीय रेल ने करीब 50 दिन तक यात्री ट्रेन सेवाएं बंद रखने के बाद 12 मई से कुछ चुनिंदा मार्गों में अपनी सेवाएं बहाल करने का फैसला लिया है. इसके तहत रांची- नयी दिल्ली- रांची राजधानी एक्सप्रेस सप्ताह में दो बार फेरे लगाएगी. भारतीय रेल ने फिलहाल राजधानी एक्सप्रेस के मार्गों पर 15 जोड़ी ट्रेनें (Up & Down मिलाकर कुल 30 ट्रेनें) चलाने का फैसला किया है. सभी ट्रेनें वातानुकुलित होंगी और उनमें AC-1, AC-2 और AC-3 डिब्बे होंगे तथा यात्रियों से राजधानी एक्सप्रेस के अनुरुप किराया वसूला जायेगा.
दक्षिण- पूर्व रेलवे ने एक विज्ञप्ति जारी कर सोमवार को बताया, ‘‘ट्रेन संख्या 02454/02453 नयी दिल्ली- रांची- नयी दिल्ली राजधानी सुपरफास्ट स्पेशल ट्रेन नयी दिल्ली से बुधवार और शनिवार को रवाना होगी और रांची से यह गुरुवार और रविवार को चलेगी.” उन्होंने बताया कि यह ट्रेन नयी दिल्ली से बुधवार और शनिवार को अपराह्न साढ़े तीन बजे रवाना होगी और रांची से गुरुवार और रविवार को शाम पांच बजकर 40 मिनट पर रवाना होगी.
Also Read: Indian Railways 50 दिन बाद चला रही ट्रेन, सफर करने वाले जान लें ये 15 अपडेट
विज्ञप्ति के अनुसार, विशेष ट्रेन में कुल डिब्बे होंगे, जिसमें AC-1 का एक डिब्बा होगा, AC -2 के पांच और AC-3 के 11 डिब्बे होंगे. इसके अलावा एक भोजनयान और दो जेनरेटर यान होंगे. इन ट्रेनों में बुकिंग सिर्फ आईआरसीटीसी (IRCTC) की वेबसाइट या ऐप के जरिये होगी.
अब हर दिन चलेगी 100 श्रमिक स्पेश ट्रेन
केंद्र ने सोमवार को कहा कि रेलवे प्रवासी श्रमिकों को तेजी से उनके गृह राज्य पहुंचाने के लिए अब प्रतिदिन 100 ‘श्रमिक विशेष’ रेलगाड़ियां चलायेगा. केंद्र ने कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे पांच लाख से अधिक प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्य पहुंचाने के लिए पिछले एक मई से इस तरह की 468 रेलगाड़ियां चलायी है. इनमें से 363 रेलगाड़ियां अपने गंतव्य स्थल पर पहुंच गयी है, जबकि 105 रेलगाड़ियां रास्ते में हैं.
जो 363 रेलगाड़ियां अपने गंतव्य स्थल पर पहुंची हैं, उनमें आंध्र प्रदेश (एक रेलगाड़ी), बिहार (100), हिमाचल प्रदेश (एक), झारखंड (22), मध्य प्रदेश (30), ओडिशा (25), राजस्थान (चार), तेलंगाना (दो), उत्तर प्रदेश (172 ), पश्चिम बंगाल (दो) और तमिलनाडु (एक रेलगाड़ी) शामिल हैं. अधिक से अधिक प्रवासी श्रमिकों को उनके घर पहुंचाने के लिए अब सोमवार से इन श्रमिक विशेष रेलगाड़ियों से प्रत्येक में 1,200 की जगह लगभग 1,700 यात्रियों को ले जाया जायेगा.
केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने एक बयान में कहा, ‘‘एमएचए और रेल मंत्रालय ने श्रमिक विशेष रेलगाड़ियों से प्रवासी श्रमिकों को ले जाये जाने पर आज सुबह एक वीडियो कांफ्रेंस आयोजित की.” बयान में कहा गया है, ‘‘इसमें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के नोडल अधिकारियों ने भाग लिया. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान कई मुद्दों पर चर्चा की गयी और इस बात पर जोर दिया गया कि प्रवासी श्रमिकों को आश्वस्त किया जाना चाहिए कि घर जाने के इच्छुक सभी लोगों की यात्रा के लिए पर्याप्त संख्या में रेलगाड़ियां चलायी जायेंगी.”
Also Read: दिल्ली में जल्द शुरू हो सकती है मेट्रो सेवा, DMRC ने ट्वीट कर दिए संकेत
इसमें कहा गया कि प्रवासी श्रमिकों को जल्द से जल्द उनके पैतृक स्थानों पर ले जाने के लिए अगले कुछ हफ्तों तक प्रतिदिन 100 से अधिक रेलगाड़ियों को चलाये जाने की उम्मीद है. प्रत्येक श्रमिक विशेष रेलगाड़ी में 24 डिब्बे होते हैं और प्रत्येक में 72 सीट होती हैं. अब तक सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखने के लिए एक डिब्बे में केवल 54 लोगों को यात्रा की अनुमति दी जा रही है. रेलवे ने अभी तक विशेष सेवाओं पर होनेवाली लागत की घोषणा नहीं की है. अधिकारियों ने संकेत दिये हैं कि रेलवे ने प्रति सेवा लगभग 80 लाख रुपये खर्च किये हैं. इससे पहले सरकार ने कहा था कि सेवाओं की लागत राज्यों के साथ 85:15 के अनुपात पर साझा की गयी है.