झारखंड के खेल निदेशक ने 18 डीएसओ के वेतन पर लगायी रोक
समीक्षा बैठक में 20 में से 18 डीएसओ बगैर तैयारी के शामिल हुए. इस पर खेल निदेशक ने कार्रवाई करते हुए उन 18 डीएसओ के वेतन पर रोक लगा दी.
रांची: झारखंड में खेल से संबंधित जानकारियों से संबंधित रिपोर्ट समय पर नहीं सौंपे जाने को लेकर खेल निदेशक ने 20 खेल पदाधिकारियों (डीएसओ) में से 18 के वेतन पर रोक लगा दी है. यह पहला मौका है, जब एक साथ 18 डीएसओ के वेतन रोक दिये गये हैं. दरअसल, खेल निदेशक सुशांत गौरव ने नौ दिसंबर को राज्य के सभी डीएसओ को पत्र लिख कर उनसे राज्य में खेल से संबंधित 10 बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी. साथ ही इन बिंदुओं पर चर्चा के लिए सोमवार 11 दिसंबर को सुबह 11 बजे से ऑनलाइन समीक्षा बैठक बुलायी गयी थी.
समीक्षा बैठक में 20 में से 18 डीएसओ बगैर तैयारी के शामिल हुए. इस पर खेल निदेशक ने कार्रवाई करते हुए उन 18 डीएसओ के वेतन पर रोक लगा दी. सिर्फ चतरा व देवघर के डीएसओ ही बैठक में पूरी तैयारी के साथ शामिल हुए, इसलिए उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. इस संबंध में खेल निदेशक से फोन पर बात करने की कोशिश की गयी, लेकिन उनसे बात नहीं हो पायी.
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उलगुलान आदिवासी डीलिस्टिंग महारैली 24 को
रांची : जनजाति सुरक्षा मंच झारखंड के तत्वावधान में उलगुलान आदिवासी डीलिस्टिंग महारैली 24 दिसंबर को मोरहाबादी में होगी. इस महारैली में राज्य भर से लोगों के जुटने की संभावना है. इसमें मुख्य वक्ता पद्म विभूषण कड़िया मुंडा तथा राष्ट्रीय संयोजक गणेशराम भगत होंगे, जबकि अन्य वक्ता के रूप में डॉ राजकिशोर हांसदा, डॉ दिवाकर मिंज, मेघा उरांव, जयंती मुंडा, सोनामणि उरांव अपने विचार रखेंगे. इस महारैली के सफल आयोजन के लिए लक्ष्मण उरांवस अर्जुन राम, मेघा उरांव, हरिचरण शांडिल, सोमा उरांव, बिरसा पाहन, सुशील हेंब्रम, अजय तिर्की, विश्वजीत सोय, सन्नी उरांव, आनंदी सिंह खेरवार आदि की टीम बनायी गयी है. इस महारैली का मुख्य मुद्दा धर्मांतरित जनजातीय व्यक्तियों को अनुसूचित जनजाति सूची से हटाने, राजनैतिक दल अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित सीट पर धर्मांतरित व्यक्ति को टिकट नहीं देने, जनजातीय वर्ग के साथ हो रहे अन्याय, सरकारी नौकरी से वंचित रखने आदि शामिल हैं.