कला-संस्कृति से जुड़ाव को रांची के राकेश राज ने स्टार्टअप में बदला, हस्तशिल्पियों को मिल रहा रोजगार
राकेश के इस सोच ने झारखंड स्टार्टअप यात्रा के आर्ट एंड क्राफ्ट श्रेणी में जगह बनायी. समय के साथ राज्य के सैंकड़ों लोहार इस स्टार्टअप से जुड़कर रोजगार हासिल कर रहे हैं.
अभिषेक रॉय, रांची :
पारंपरिक लोहार आधुनिकीकरण की मार झेल रहे हैं. इस पेशे से नयी पीढ़ी के युवा नहीं जुड़ना चाहते, कारण रोजगार संभावना की कमी हैं. जबकि, अपर बाजार के राकेश राज ने लोहा और स्टील को आकार देनेवाले हस्तशिल्पियों को एकजुट कर उन्हें रोजगार दे रहे हैं. राकेश ने 2018 में इस सोच के साथ स्टार्टअप ‘यूनिक डिजाइन’ की शुरुआत की. स्टार्टअप की खासियत है कि घर में इस्तेमाल होनेवाले ग्रील, गेट, खिड़की, रेलिंग और सीढ़ियों को मॉडर्न तकनीक से आधुनिक रूप दिया जा रहा है. इसमें रिमोर्ट सेंसर और ऑटोमेशन का इस्तेमाल होने लगा है.
प्रोडक्ट खास दिखे, इसके लिए इन्हें भारतीय धरोहर के मॉडल पर तैयार किया जा रहा है. ताकि आम लोग देश व राज्य के इन ऐतिहासिक धरोहरों से परिचित हो सके. राकेश के इस सोच ने झारखंड स्टार्टअप यात्रा के आर्ट एंड क्राफ्ट श्रेणी में जगह बनायी. समय के साथ राज्य के सैंकड़ों लोहार इस स्टार्टअप से जुड़कर रोजगार हासिल कर रहे हैं. इसके लिए उन्हें केंद्र सरकार की ओर से भारतीय उद्योग रत्न अवार्ड भी मिल चुका है.
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मेटालिक क्राफ्ट का दिला रहे प्रशिक्षण :
स्टार्टअप से जुड़ रहे लोहारों को राकेश मेटालिक क्राफ्ट का प्रशिक्षण दे रहे हैं. इसकी खासियत है कि पारंपरिक लाेहार के काम में डिजाइनिंग को भी शामिल कर दिया गया है. इसमें सामान्य सामग्री को नया आयाम मिलने लगा है. पारंपरिक पेशे से जुड़े कारीगर अब आधुनिक औजारों के इस्तेमाल से उन्नत लौह सामग्री तैयार करने में सक्षम हो गये हैं. समय के साथ यूनीक डिजाइन से अब लेथ का काम करनेवाले कारीगरों को भी रोजगार मिलने लगा है.
रांची में तैयार हो रहा रिमोट सेंसिंग गेट और फोल्डेबल सीढ़ी
‘यूनीक डिजाइन’ के तहत अब रांची शहर में रिमोट सेंसिंग गेट और फोल्डेबल सीढ़ी तैयार होने लगी है. इन्हें स्टेनलेस स्टील से तैयार किया जा रहा है. ताकि इसकी मजबूती बरकरार रह सके. राकेश के आर्ट एंड क्राफ्ट श्रेणी के स्टार्टअप को 27 जून 2022 में आइआइटी आइएसएम धनबाद के अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर (एसीआइटी) में शामिल किया गया. इससे अब घरेलू उपयोग की सामग्री के डिजाइन को प्रोटोटाइप करने में डिजिटल माध्यम से लोगों तक पहुंचाने में मदद मिल रही है. राकेश के एक्सटीरियर और इंटीरियर कंसेप्ट आइडिया की मांग रांची समेत पड़ोसी राज्य बिहार और ओडिशा में पसंद किया जा रहा है. बिजनेस-टू-कस्टमर (बी-टू-बी) मॉडल पर संचालित कंपनी अब मल्टी मिलियन बिजनेस कर रही है.