झारखंड राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन 15 नवंबर के पहले होने की संभावना है. सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार इसकी तैयारी में जुटी है. अगले सप्ताह तक इसके गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी जायेगी. सूत्रों ने बताया कि इस बार अध्यक्ष पद झामुमो के किसी नेता को दिया जायेगा, जो विधायक नहीं है. पिछली बार विधायक सुदीव्य कुमार सोनू का नाम अध्यक्ष पद के लिए दिया गया था. पर अधिकारियों ने लाभ का पद होने की बात कह कर फाइल लौटा दी थी. अब सरकार इसमें सावधानी बरतते हुए झामुमो के ही किसी वरिष्ठ ओबीसी नेता को अध्यक्ष पद देने पर विचार कर रही है. खबर है कि पार्टी से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नाम भी मांगे थे. जिसमें नाम की अनुशंसा पार्टी द्वारा भेज दी गयी है. पूर्व के प्रस्ताव के तहत सदस्य के रूप में कांग्रेस नेता कांग्रेस नेता केशव महतो कमलेश व झामुमो के नंदकिशोर मेहता का नाम तय है.
जनवरी से खाली है आयोग के अध्यक्ष का पद
पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त जस्टिस लोकनाथ प्रसाद थे. जनवरी में उनके निधन के बाद से यह पद खाली है. आयोग में अभी सदस्य भी नहीं है. फिलहाल आयोग में एक सदस्य सचिव व एक अवर सचिव स्तर के पदाधिकारी ही कार्यरत हैं. आयोग के अध्यक्ष को जेपीएससी अध्यक्ष के समान सुविधाएं व वेतनमान दिये जाते हैं.
निकाय चुनाव के लिए कराना है ट्रिपल टेस्ट
26 जून 2023 को हुई कैबिनेट की बैठक में नगर निगम चुनाव में पिछड़े वर्गों को आरक्षण देने के लिए समर्पित आयोग का गठन करने और पिछड़ा वर्ग आयोग एक समर्पित आयोग के रूप में कार्य करेगा, इस पर फैसला लिया गया था. आयोग राज्य के स्थानीय निकाय चुनाव में पिछड़ों के आरक्षण की पात्रता की जांच करेगा. झारखंड सरकार द्वारा विकास कृष्णा राव गवली बनाम महाराष्ट्र सरकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये फैसले के मद्देनजर आयोग के गठन का फैसला किया गया था. बताया गया कि फाइल पर राज्य सरकार काम कर रही है.
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अध्यक्ष होगा झामुमो का नेता, सदस्य होंगे केशव महतो कमलेश व नंदकिशोर मेहता
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किसी झामुमो विधायक को अध्यक्ष बनाने की थी तैयारी, पर दोहरे लाभ का पेच फंसने पर बदला गया निर्णय
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