PHOTOS: झारखंड के 33 हजार अधिवक्ता न्यायिक कार्यों से रहे दूर, 7 जनवरी को भी नहीं करेंगे अदालती कार्य
झारखंड स्टेट बार काउंसिल के आह्वान पर शुक्रवार को राज्यभर के 33,000 अधिवक्ता न्यायिक कार्यों से अलग रहे. अधिवक्ताओं के न्यायिक कार्य में शामिल नहीं होने के कारण हाईकोर्ट सहित राज्य के अधीनस्थ न्यायालयों में मामले की सुनवाई प्रभावित हुई. 7 जनवरी को भी अधिवक्ता न्यायिक कार्य नहीं करेंगे.
झारखंड स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष राजेंद्र कृष्ण ने बताया कि राज्यभर के अधिवक्ता आज न्यायिक कार्य नहीं कर रहे हैं. कल 7 जनवरी को भी अधिवक्ता न्यायिक कार्य नहीं करेंगे. 8 जनवरी को राज्य के सभी जिला बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ काउंसिल की बैठक होगी. इसमें आगे की रणनीति पर विचार-विमर्श कर निर्णय लिए जाएंगे. हालांकि कुछ अधिवक्ताओं के कोर्ट जाने और पैरवी करने की सूचनाएं मिल रही हैं. यदि ऐसा हुआ है तो काउंसिल निश्चित रूप से वैसे अधिवक्ताओं के खिलाफ विधि-सम्मत कार्रवाई करेगी. काउंसिल के अध्यक्ष श्री कृष्ण ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा कोर्ट फीस में भारी बढ़ोत्तरी का अधिवक्ता विरोध कर रहे हैं. सरकार कोर्ट फीस संशोधन विधायक को वापस ले. अधिवक्ताओं के कल्याण के लिए बजट में राशि का प्रावधान किया जाए तथा राज्य में अविलंब एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए.
उधर, महाधिवक्ता राजीव रंजन कोर्ट गए और सरकार की ओर से कई मामलों में पैरवी की. उन्होंने बताया कि झारखंड स्टेट बार काउंसिल का न्यायिक कार्य से अलग रहने का निर्णय गलत और अवैध है. इसे देखते हुए उन्होंने मामलों में पैरवी करने का निर्णय लिया. सरकार के अधिवक्ताओं ने अपने मामलों में अदालत में पैरवी की. झारखंड स्टेट बार काउंसिल के आह्वान पर आज शुक्रवार से अधिवक्ता अदालती कार्यों से दूर हैं. पार्किंग स्थल पर काफी व्यस्त रहनेवाले अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा एवं अन्य चाय की चुस्की लेते दिखे.
रिपोर्ट : राणा प्रताप, रांची