पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान 15 वें वित्त आयोग से मिली अनुदान राशि में से 1039.99 करोड़ रुपये खर्च नहीं कर पाने के कारण पंचायती राज संस्थाओं को इस बार की अनुदान राशि नहीं मिली. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पंचायती राज संस्थाएं चालू वित्तीय वर्ष के दौरान पिछले वित्तीय वर्ष की बची राशि ही खर्च कर रही है. पिछले वित्तीय वर्ष की बची राशि 1039.99 करोड़ रुपये हैं.
इनमें जिला परिषदों के पास 171.54 करोड़ रुपये, पंचायत समितियों के पास 183.02 करोड़ रुपये और ग्राम पंचायतों के पास 685.43 करोड़ रुपये की राशि बची है. ताजा आंकड़ों के अनुसार, जिला परिषदों के अब तक कुल 11 प्रतिशत, पंचायत समितियों ने 17 प्रतिशत और ग्राम पंचायतों ने 27 प्रतिशत राशि खर्च की है. खर्च के मामले में सबसे ख़राब स्थिति रामगढ़ जिला परिषद की है.
रामगढ़ जिला परिषद ने 4.42 करोड़ रुपये में से एक भी पैसा खर्च नहीं किया है. गढ़वा जिला परिषद ने एक प्रतिशत, हजारीबाग ने दो प्रतिशत, लोहरदगा ने चार प्रतिशत राशि खर्च की है. दुमका, पूर्वी सिंहभूम और लातेहार जिला परिषद ने पांच-पांच प्रतिशत राशि खर्च की है. खर्च के मामले में जिला परिषदों के मुकाबले पंचायत समितियों और ग्राम पंचायतों की स्थिति थोड़ी बेहतर है.