झारखंड : किसानों को 117 रुपये बोनस देगी राज्य सरकार, एक क्विंटल धान के लिए मिलेंगे 2300 रुपये
कैबिनेट सचिव वंदना दादेल ने बताया कि गुरुवार को हुई बैठक में कुल 27 एजेंडों पर सहमति बनी. मंत्रिपरिषद ने झारखंड राज्य गैर शैक्षणिक स्वास्थ्य सेवा के चिकित्सा पदाधिकारियों के मामलों में झारखंड सेवा संहिता के नियम को क्षांत करने की स्वीकृति दी.
कैबिनेट ने वर्ष 2023-24 में किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर धान अधिप्राप्ति के लिए भारत सरकार द्वारा निर्धारित कीमत के अलावा राज्य सरकार द्वारा किसानों को 117 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बोनस राशि की स्वीकृति प्रदान की. अब राज्य के किसानों को धान के लिए 2300 रुपये प्रति क्विंटल की दर से राशि दी जा सकेगी. राज्य सरकार के इस फैसले से राजकोष पर 70.20 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. कैबिनेट ने राज्य धान अधिप्राप्ति योजना की स्वीकृति, किसानों को समय पर भुगतान के लिए एक हजार करोड़ रुपये की अधिसीमा तक बैंकों से ऋण प्राप्त करने के साथ योजना के लिए राशि की व्यवस्था व राइस मिलरों को प्रति क्विंटल 60 रुपये की दर से इंसेंटिव भुगतान पर सहमति प्राप्त की. राज्य के किसानों से कुल छह लाख मीट्रिक टन धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य भी निर्धारित किया.
राज्य से मेडिकल पढ़नेवाले चिकित्सकों को तुरंत उच्च शिक्षा के लिए जाने की अनुमति
कैबिनेट सचिव वंदना दादेल ने बताया कि गुरुवार को हुई बैठक में कुल 27 एजेंडों पर सहमति बनी. मंत्रिपरिषद ने झारखंड राज्य गैर शैक्षणिक स्वास्थ्य सेवा के चिकित्सा पदाधिकारियों के मामलों में झारखंड सेवा संहिता के नियम को क्षांत करने की स्वीकृति दी. इसके तहत झारखंड से मेडिकल की पढ़ाई करनेवाले चिकित्सकों को उच्च शिक्षा की अनुमति प्राप्त के लिए समय बाधा नहीं बनेगी. अब तक झारखंड से मेडिकल पढ़नेवाले चिकित्सकों को राज्य में एक वर्ष तक अनिवार्य सेवा देनी पड़ती है. उसके बाद ही उनको उच्च शिक्षा के लिए जाने की अनुमति दी जाती थी. हालांकि, अब मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने के तुरंत बाद भी चिकित्सक उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए अन्यत्र जाने की अनुमति प्राप्त कर सकेंगे.
मुख्यमंत्री विशेष छात्रवृत्ति योजना की दर में वृद्धि
कैबिनेट ने ‘मुख्यमंत्री विशेष छात्रवृत्ति योजना’ के तहत संशोधित दर को मंजूरी दी. इससे सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों की पूर्व निर्धारित छात्रवृत्ति की राशि में वृद्धि होगी. अब कक्षा एक से पांच तक के विद्यार्थियों को 1500 व कक्षा छह से नौ तक के विद्यार्थियों को 2500 रुपये की छात्रवृत्ति दी जायेगी. योजना के तहत राज्य के सरकारी विद्यालयों के पढ़नेवाले सामान्य वर्ग के 1.32 करोड़ बच्चों पर लगभग 25 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे.