झारखंड में पुराना एक्ट वापस लिये बिना मॉडल एक्ट की शर्तों में ढील, विरोध शुरू
झारखंड सरकार ने एक कॉलेज खोलने के लिए पांच एकड़ भूमि निर्धारित की है. इसी प्रकार एक्ट के अनुसार, पांच एकड़ भूमि नगर निगम सीमा के भीतर होनी चाहिए.
रांची : झारखंड सरकार ने निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना व संचालन में एकरूपता लाने के लिए मॉडल एक्ट बनाया है. हालांकि, इस एक्ट में त्रुटि कह कर इसका विरोध भी शुरू हो गया है. राज्य सरकार ने निजी विवि की स्थापना के लिए पूर्व में बनाये गये विवि एक्ट को नियमानुसार वापस लिये बिना ही नया एक्ट बना कर कई शर्तों में ढील दे दी है. नियमत: विधानसभा में इसे समाप्त करना चाहिए था.
क्या था पहले के एक्ट में
वहीं, झारखंड में निजी विवि की स्थापना के लिए पूर्व के एक्ट में नगर निगम सीमा के भीतर न्यूनतम 10 एकड़ भूमि तथा नगर निगम सीमा के बाहर न्यूनतम 25 एकड़ भूमि रखना अनिवार्य था, लेकिन मॉडल एक्ट में इसे घटा कर क्रमश: पांच एकड़ व 15 एकड़ कर दिया गया.
क्या कहते हैं जानकार
जानकारों का कहना है कि विवि के लिए पांच एकड़ की भूमि कम पड़ेगी. क्योंकि राज्य सरकार ने एक कॉलेज खोलने के लिए पांच एकड़ भूमि निर्धारित की है. इसी प्रकार एक्ट के अनुसार, पांच एकड़ भूमि नगर निगम सीमा के भीतर होनी चाहिए. जबकि विवि को नगर निगम के अंदर रखने की जरूरत क्यों है? एक तरफ सरकारी विवि को शहर से बाहर किया जा रहा है. वहीं, निजी विवि को शहर में खोलने की अनुमति दी जा रही है. मॉडल एक्ट में फिक्स डिपॉजिट राशि भी 10 करोड़ से घटा कर चार करोड़ रुपये कर दी गयी है.
कई विधायकों ने की थी मॉडल एक्ट में संशोधन की मांग
बताया जाता है कि कई विधायकों ने मॉडल एक्ट में संशोधन की भी मांग की. साथ ही इसे प्रवर समिति के पास भेजने की मांग भी की, लेकिन उनकी नहीं सुनी गयी. कई विधायकों ने मॉडल एक्ट में शासी निकाय में स्थानीय विधायक व सांसद को रखे जाने का स्वागत किया. वहीं, कुलाधिपति की नियुक्ति प्रक्रिया को और अधिक कठोर व चयन प्रक्रिया में राज्य सरकार के किसी प्रतिनिधि को रखने की भी मांग की.