रांची : वन एवं पर्यावरण विभाग ने स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड का गठन किया है. इसमें वन एवं वन्य प्राणी संरक्षणविद व पर्यावरणविदों को रखा गया है. कुल 10 सदस्य बोर्ड में रखे गये हैं. अनुसूचित जनजाति सदस्य के रूप में रांची यूनिवर्सिटी के मानवशास्त्र विभाग के पूर्व डीन डॉ करमा उरांव और रांची महिला कॉलेज के भूगोल विभाग की सहायक प्राध्यापक डॉ सुनीता लिंडा को रखा गया है.
सामान्य श्रेणी के सदस्यों में एक्सएलआरआइ, जमशेदपुर के फादर आरुपी, सेंटर फॉर इकोलॉजी एंड सस्टेनेबिलिटी के डॉ टाटा लक्ष्मी रघुरामन, आइएफपी के प्रधान वैज्ञानिक डॉ नितिन कुलकर्णी, सेंट्रल यूनिवर्सिटी के पर्यावरण विज्ञान के डॉ पुरबी साइकिया, वेटनरी कॉलेज के डीन डॉ सुशील प्रसाद, जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज के प्राचार्य डॉ अमर सिंह, पूर्व पीसीसीएफ वन्य प्राणी प्रदीप कुमार, नीलांबर-पीतांबर यूनिवर्सिटी, मेदिनीनगर के वनस्पति विज्ञान विभाग के डॉ जसबीर बग्गा तथा टाटा टू जमशेदपुर के क्यूरेटर डॉ संजय कुमार महतो को रखा गया है.
स्वयंसेवी संस्थाओं में हजारीबाग के नियो फाउंडेशन, बोकारो के अधिकारी फाउंडेशन फॉर नेचर कंजर्वेशन और हेहल रांची के वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन सोसाइटी ऑफ झारखंड को रखा गया है.
राज्य वन्य जीव बोर्ड के पदेन अध्यक्ष मुख्यमंत्री होते हैं. वन एवं पर्यावरण मंत्री उपाध्यक्ष होते हैं. पीसीसीएफ वन्य प्राणी बोर्ड के सदस्य सचिव होते हैं. वन सचिव, पीसीसीएफ, आदिवासी कल्याण आयुक्त, प्रबंध निदेशक पर्यटन निगम, आरक्षी महानिदेशक या उससे उच्च स्तर के अधिकारी, सैन्य दल के सदस्य बिग्रेडियर द्वारा नामित, निदेशक पशुपालन, निदेशक मत्स्य, उप वन महानिदेशक भारत सरकार, भारतीय वन्य प्राणी संस्थान के प्रतिनिधि, बॉटनिकल सर्वे ऑफ इंडिया के प्रतिनिधि, जू लॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के सदस्य बोर्ड में रहेंगे.
Posted By : Sameer Oraon