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झारखंड बनने के बाद झारखंड की स्वास्थ्य सेवा में कितना आया बदलाव ? देश में क्या है राज्य की स्थिति

झारखंड स्थापना होने के बाद राज्य की चिकित्सा व्यवस्था में काफी सुधार आया है. हात ही सरकार ने राज्य की स्वास्थ्य बजट में बढ़ोतरी किया है. और इसकी राशि 638 करोड़ कर दी गयी है. लेकिन देश की तुलना अब भी हमारा झारखंड बहुत पीछे है.

रांची : झारखंड अलग राज्य बनने के बाद राज्य में चिकित्सा व्यवस्था सुधरी है. चिकित्सा सेवा को बेहतर बनाने के लिए देवघर में एम्स की स्थापना की गयी. इसके अलावा दुमका, हजारीबाग और पलामू में तीन नये मेडिकल कॉलेज खोले गये. वहीं, दो निजी मेडिकल कॉलेज खोले गये. देवघर एम्स में एलोपैथी के साथ-साथ आयुष पद्धति से भी इलाज की सुविधा है.

750 बेड वाले इस अस्पताल में 100 एमबीबीएस व 60 नर्सिंग की सीट है. वहीं, दुमका, पलामू और हजारीबाग मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 100-100 सीटें हैं. राज्य में 75 ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किये गये. इधर, कोरोना काल में राज्य सरकार ने बेहतर चिकित्सा सेवा बहाल कर मिसाल पेश की. चिकित्सा के कई क्षेत्रों में राज्य आत्मनिर्भर बना. इधर, रिम्स में चिकित्सा सेवा का दायरा बढ़ गया है. कई सुपर स्पेशियालिटी विंग स्थापित किये गये हैं.

राज्य सरकार ने स्वास्थ्य बजट में की बढ़ोतरी :

सरकार ने स्वास्थ्य बजट में 638 करोड़ की बढ़ोतरी कर स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने का प्रयास शुरू कर दिया है. बजट का उपयोग ग्रामीण इलाके में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में किया जायेगा. हालांकि, देश की तुलना में झारखंड काफी पीछे है. देश में जहां 1324 लोगों पर एक डॉक्टर हैं. वहीं, झारखंड में 8165 व्यक्ति पर एक डॉक्टर है.

Posted by : Sameer Oraon

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