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झारखंड के छात्रों और मजदूरों की जल्द होगी घरवापसी , केंद्र के दिशानिर्देश के बाद तैयारी में जुटी सरकार

Coronavirus Panemic : कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन (lockdown in India) के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रदेश के पांच लाख से अधिक प्रवासी कामगारों (migrant labours Jharkhand) और हजारों छात्रों को यहां वापस लाने के लिये मुख्यमंत्री ने अधिकारियों का एक दल गठित किया है जो इस संबंध में कार्य योजना तैयार करेगा और कहा कि इस काम के लिये केंद्र सरकार की मदद की जरूरत होगी.

By Panchayatnama | April 30, 2020 8:44 AM

रांची: कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रदेश के पांच लाख से अधिक प्रवासी कामगारों और हजारों छात्रों को यहां वापस लाने के लिये मुख्यमंत्री ने अधिकारियों का एक दल गठित किया है जो इस संबंध में कार्य योजना तैयार करेगा और कहा कि इस काम के लिये केंद्र सरकार की मदद की जरूरत होगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मीडिया से बातचीत करते हुए प्रवासी मजदूरों, पर्यटकों एवं छात्रों के एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने को लेकर केन्द्र सरकार द्वारा दी गयी छूट का स्वागत किया और इसके लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया लेकिन कहा कि इस बड़े काम के लिए राज्य को केन्द्र सरकार के मदद की आवश्यकता होगी. उन्होंने यह अवश्य कहा कि सभी फंसे लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए एक कार्ययोजना बनाने के लिये आज ही उन्होंने अधिकारियों की एक टीम का गठन कर दिया है.

उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि इस संबन्ध में केन्द्रीय गृह मंत्रालय के दिशा निर्देश आया है. अब राज्य सरकार दूसरे राज्यों में यहां के फंसे लोगों को राहत पहुंचाने के लिए आवश्यक तैयारी प्रारंभ कर दी है. उन्होंने कहा कि आज ही उनकी केन्द्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल और केन्द्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से भी बातचीत हुई है. उन्हें हमने बताया है कि राज्य सरकार यहां के लाखों लोगों को स्वयं वापस लाने में सक्षम नहीं है. सोरेन ने कहा कि यदि राज्य सरकार अपने संसाधनों से इन फंसे हुए लाखों लोगों को राज्य में वापस लाने का प्रयास करेगी तो इस काम में उसे छह महीने लग जायेंगे क्योंकि राज्य के पास अपना परिवहन निगम तक नहीं है. उन्होंने कहा कि अभी सोमवार को ही उन्होंने प्रधानमंत्री से प्रवासी लोगों को राज्य में वापस लाने के लिए छूट देने का आग्रह किया था और दो दिनों में इस बारे में फैसला लिया गया जिसका वह स्वागत करते हैं.

सरकार की ओर से देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए प्रवासी मजदूरों, पर्यटकों, छात्रों और अन्य लोगों को बुधवार को कुछ शर्तों के साथ उनके गंतव्यों तक जाने की अनुमति दे दी गयी, जिससे एक बड़े वर्ग को राहत मिल सकती है. केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने एक आदेश में कहा कि ऐसे फंसे हुए लोगों के समूहों को ले जाने के लिए बसों का इस्तेमाल किया जाएगा और इन वाहनों को सैनेटाइज किया जाएगा तथा सीटों पर बैठते समय सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करना होगा.

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