झारखंड में छात्रों के आंदोलन की वजह से ट्रैफिक व्यवस्था अस्त-व्यस्त, जाम की वजह से बिलखते रहे स्कूली बच्चे
कई स्कूल की बसें कांके रोड पहुंचीं और जाम में फंस गयी. स्कूल बस लगभग डेढ़ बजे से 2:15 बजे तक स्कूल बस फंसी रही. जिसके कारण बच्चे भूख-प्यास से बिलखते रहे.
छात्रों के 72 घंटे के महाआंदोलन के पहले दिन सीएम आवास घेराव के कारण मोरहाबादी से लेकर कांके रोड तक में ट्रैफिक व्यवस्था अस्त-व्यस्त रही. जगह-जगह बैरिकेडिंग के कारण जाम लगा रहा. छात्र आंदोलन पर उतारू थे. वहीं, स्कूली बसों में बैठे बच्चे चिलचिलाती गर्मी की वजह से परेशान थे. उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर क्या हो रहा है. वहींं कई छात्र राम मंदिर के पास पहुंच गये थे. छात्रों को रोकने के लिए पुलिस ने बैरिकेडिंग कर दी थी.
इस दौरान कई स्कूल की बसें कांके रोड पहुंचीं और जाम में फंस गयी. स्कूल बस लगभग डेढ़ बजे से 2:15 बजे तक स्कूल बस फंसी रही. जिसके कारण बच्चे भूख-प्यास से बिलखते रहे. कुछ बच्चों के पास पानी था, तो वह एक दूसरे से शेयर कर रहे थे, लेकिन अधिकतर बच्चों का पानी खत्म हो गया था. साथ ही उन्हें भूख भी लगी हुई थी.
कुछ बच्चों को कांके रोड में खुली हुई कुछ दुकानों से बिस्किट, चिप्स आदि खरीद कर दी गयी. बैरिकेडिंग के कारण सीएम आवास और राम मंदिर की ओर भी किसी अभिभावक को जाने नहीं दिया जा रहा था, जिसके कारण वे दस कदम के आगे खड़ी बस तक नहीं पहुंच पा रहे थे.
रेड क्रॉस सोसाइटी के पास मां बैरिकेडिंग हटाने के लिए पुलिस से उलझी :
दिन के ढाई बजे रेड क्रॉस सोसाइटी के पास बैरिकेडिंग की समीप एक मां स्कूटी से पहुंची. उसने कहा कि उसका बच्चा दुर्गा मंदिर के पास स्कूल बस से उतरेगा, इसलिए बैरिकेडिंग हटा दें. उस बेबस मां का कहना था कि उनका बच्चा उन्हें नहीं देखेगा, तो इधर-उधर भटक जायेगा. काफी जिद के बाद भी बैरिकेडिंग नहीं हटायी गयी.
बाद में एक महिला पुलिस पहुंची और उसे समझा कर शिबू सोरेन आवास के बगल वाली रोड से दुर्गा मंदिर जाने के लिए समझाया. महिला पुलिस के समझाने के बाद वह मां मानी और करमटोली होते हुए दुर्गा मंदिर के पास जाने के लिए राजी हुई.