झारखंड के कॉलेजों में शिक्षक नहीं ले रहे नियमित कक्षा, विवि के कुलपतियों को भेजा गया पत्र, जानें नियम

झारखंड के कई विवि में शिक्षकों के अनुपस्थित रहने वाली बात को गंभीरता से लिया गया है. शिक्षा विभाग की तरफ से इस संबंध में सभी विवि के वीसी को पत्र लिखा है. और संबंध में उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है

By Prabhat Khabar News Desk | September 10, 2022 6:26 AM

रांची: झारखंड के सभी राजकीय विश्वविद्यालयों में कई शिक्षकों के अनुपस्थित रहने, नियमित कक्षाएं नहीं लेने और प्राचार्य सहित अन्य कर्मचारियों के समय पर उपलब्ध नहीं रहने की शिकायत को उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग ने गंभीरता से लिया है. विभाग के सचिव राहुल कुमार पुरवार ने सभी राजकीय विवि के कुलपतियों को सीधे पत्र भेज कर इसे गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई करने को कहा है.

सचिव ने सभी कुलपतियों को कहा है कि वह स्वयं के स्तर से संस्थानों का लगातार नियमित/अौचक निरीक्षण कर यह सुनिश्चित करें कि कक्षाअों व विद्यार्थियों के अन्य संबंधित कार्यों का संचालन नियमित रूप से हो. साथ ही विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियों के लिए स्वयं के स्तर से एक स्टूडेंट फीडबैक सिस्टम बनायें, ताकि संस्थानों में शैक्षणिक वातावरण एवं एकेडमिक अनुशासन की विश्वसनीयता बनी रहे. साथ ही राज्य के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा मिले.

काम नहीं कर रहे बायोमीट्रिक सिस्टम :

राज्य के कई विवि में उपस्थिति के लिए लगाये गये बायोमीट्रिक सिस्टम ठीक ढंग से काम भी नहीं कर रहे हैं. इस कारण शिक्षकों और कर्मचारियों को रजिस्टर पर भी हस्ताक्षर करना पड़ता है. विवि में बायोमीट्रिक सिस्टम लागू करने के निर्णय का पूर्व में शिक्षकों ने विरोध भी किया था. लेकिन उसके बाद भी विवि में इसे लागू कराया गया और इसे वेतन से जोड़ने की पहल की गयी थी.

बायोमीट्रिक सिस्टम लागू रहने पर कॉलेजों में प्राचार्य, पीजी विभाग में अध्यक्ष तथा विवि में डिपार्टमेंटल हेड की अनुशंसा पर ही वेतन निर्गत की जाती है. शिक्षक संघ ने उपस्थिति सुनिश्चित कराने के एवज में क्लास रूम में आधारभूत संसाधन दुरुस्त करने की मांग की.

क्या लिखा है पत्र में

सचिव ने अपने पत्र में लिखा है कि विभाग को प्राय: ऐसी सूचनाएं/शिकायतें मिल रही हैं कि विवि/अंगीभूत कॉलेजों में शिक्षकों के अनुपस्थित रहने से कक्षाएं अनियमित रूप से संचालित हो रही हैं. शिक्षकों द्वारा निर्धारित समय पर संस्थान में नहीं पहुंचने या उनके द्वारा कक्षा लेने के लिए इच्छुक नहीं रहने को भी कक्षाअों के अनियमित संचालन का कारण बताया जाता है.

विद्यार्थियों और अभिभावकों द्वारा ऐसी शिकायतें की जा रही हैं कि कॉलेजों के प्राचार्य, शिक्षक और अन्य कर्मचारी समय पर उपलब्ध नहीं रहते हैं, जिससे विद्यार्थियों को विशेषकर सुदूरवर्ती एवं निर्धन परिवारों के विद्यार्थियों (विशेषकर छात्राअों) को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

झारखंड में 11 विवि और 63 अंगीभूत कॉलेज

उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग, झारखंड के अंतर्गत फिलहाल 11 विश्वविद्यालय और 63 अंगीभूत कॉलेज हैं. कुल 11 विश्वविद्यालय में रांची विवि, विनोबा भावे विवि, सिदो-कान्हू मुर्मू विवि, कोल्हान विवि, नीलांबर-पीतांबर विवि, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विवि, जमशेदपुर वीमेंस विवि, झारखंड रक्षा शक्ति विवि, विनोद बिहारी महतो कोयलांचल विवि धनबाद, झारखंड यूनिवर्सिटी अॉफ टेक्नोलॉजी और झारखंड राज्य अोपेन यूनिवर्सिटी शामिल हैं. पंडित रघुनाथ मुर्मू जनजातीय विवि की स्थापना अभी प्रक्रियाधीन है.

यूजीसी का नियम

शिक्षक को रोज पांच घंटे समय देना है कॉलेज में

यूजीसी के नियमानुसार विवि/कॉलेजों में शिक्षकों को रोज कम से कम पांच घंटे तक रहना अनिवार्य है. इसके अलावा असिस्टेंट प्रोफेसर को एक सप्ताह में 16 घंटे पढ़ाना है, जबकि एसोसिएट प्रोफेसर/प्रोफेसर को एक सप्ताह में 14 घंटे पढ़ाना है. जो शिक्षक प्रशासनिक कार्य में हैं, उन्हें दो घंटे की प्रति सप्ताह छूट रहेगी. नियमानुसार सप्ताह में एक शिक्षक को 40 घंटा शैक्षणिक कार्य में रहना है.

Next Article

Exit mobile version