झारखंड में सरकार पारा शिक्षकों के प्रमाण पत्र का तो सत्यापन कर रही है, लेकिन अब तक सरकारी शिक्षकों के प्रमाण पत्रों का सत्यापन नहीं हो सका है. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने इस संबंध में जिलों को कई बार निर्देश दिया, लेकिन जिलास्तर पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी. नियमानुसार प्रमाण पत्र सत्यापन के बाद ही वेतन भुगतान का प्रावधान है. जबकि इन शिक्षकों को बिना प्रमाण पत्र सत्यापन के ही सात साल से वेतन भुगतान हो रहा है.
शिक्षकों की सेवा की संपुष्टि का काम भी लटका कर रखा गया है. राज्य में लगभग 5000 शिक्षकों की सेवा संपुष्टि नहीं हुई है. जबकि, सेवा संहिता के अनुसार नियुक्ति के दो वर्ष के अंदर सेवा संपुष्टि अनिवार्य है. इसके लिए विभागीय स्तर से संबंधित जिला के जिला शिक्षा अधीक्षक के वेतन रोकने तक की चेतावनी दी गयी थी, इसके बाद भी सेवा सत्यापन नहीं हुआ है. जिलास्तर पर विभागीय निर्देशों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है.
जिला शिक्षा अधीक्षकों ने 5000 शिक्षकों का सेवा सत्यापन भी
नहीं किया
प्रमाण पत्र सत्यापन के बाद ही वेतन भुगतान करने का है प्रावधान
नियुक्ति के बाद पहले तो वेतन रोका, फिर शपथ पत्र के आधार पर किया भुगतान
जिला सत्यापन संपुष्टि
देवघर 1215 1414
रांची 847 03
प सिंहभूम 579 445
गढ़वा 334 773
गिरिडीह 302 111
लातेहार 298 455
पाकुड़ 285 00
धनबाद 240 02
कोडरमा 216 302
साहिबगंज 00 623
दुमका 88 405
रामगढ़ 00 111
हजारीबाग 00 64
पूर्वी सिंहभूम 00 54
चतरा 206 00
खूंटी 30 30
गुमला 04 21
वर्ष 2015-16 में हुई थी नियुक्ति
जिन शिक्षकों के प्रमाण पत्र का सत्यापन व सेवा संपुष्टि नहीं है, उनमें से अधिकतर शिक्षकों की नियुक्ति वर्ष 2015-16 में हुई थी. जिन शिक्षकों के प्रमाण पत्र का सत्यापन नहीं हुआ था, उनका भुगतान पहले रोक दिया गया था. नियुक्ति के लगभग छह माह तक वेतन का भुगतान नहीं हुआ. इसके बाद शिक्षक संगठनों द्वारा वेतन भुगतान की मांग पर शपथ पत्र के आधार पर वेतन भुगतान शुरू हुआ.
प्रमाण पत्र सत्यापन के लिए शिक्षकों से राशि भी जमा करा ली गयी थी. इसके बाद भी प्रमाण पत्र का सत्यापन नहीं हुआ. शिक्षकों की सेवा संपुष्टि नहीं होने होने पर उनका अंतर जिला स्थानांतरण भी नहीं हो सकता है. शिक्षकों को प्रोन्नति, प्राथमिक शिक्षा निदेशालय से मिलने वाला गृह निर्माण के लिए मिलनेवाला ऋण भी नहीं मिलता है. आकस्मिक मृत्यु होने की स्थिति में सेवा लाभ की अनुशंसा में परेशानी होती है.