झारखंड के 26001 शिक्षक नियुक्ति के प्रस्ताव में नियमावली की अनदेखी, क्या फंसेगा पेच ?
वर्ष 2022 की नियमावली में आरक्षण में संविदा कर्मी भी शामिल थे. इसमें इस वर्ष बदलाव किया गया था, पर अधियाचना वर्ष 2022 के नियमावली के प्रावधान के आधार पर ही भेज दिया गया है
राज्य में 26001 सहायक आचार्य (प्राथमिक शिक्षक) की नियुक्ति का प्रस्ताव झारखंड कर्मचारी चयन आयोग को भेजा गया है. इनमें से 12869 पद झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद, रांची के अंतर्गत कार्यरत सहायक अध्यापक (पारा शिक्षक) संविदाधारी कर्मियों के लिए आरक्षित हैं. जबकि सहायक आचार्य नियुक्ति नियमावली में इस माह हुए संशोधन में संविदाधारी कर्मियों के आरक्षण का प्रावधान समाप्त कर दिया गया है.
छह जून को जारी संशोधित नियमावली की कंडिका 15 में कहा है कि इंटर प्रशिक्षित सहायक आचार्य एवं स्नातक प्रशिक्षित सहायक आचार्य की सीधी नियुक्ति के लिए चिह्नित रिक्तियों में 50% पद झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद रांची अंतर्गत कार्यरत सहायक अध्यापक के लिए आरक्षित रहेगा. आरक्षण का लाभ वैसे पारा शिक्षकों को मिलेगा जिनकी सेवा विज्ञापन प्रकाशन की तिथि को न्यूनतम व लगातार दो वर्ष हो गयी हो.
शिक्षक विज्ञापन प्रकाशन की तिथि को कार्यरत हो. जबकि वर्ष 2022 की नियमावली में आरक्षण में संविदा कर्मी भी शामिल थे. इसमें इस वर्ष बदलाव किया गया था, पर अधियाचना वर्ष 2022 के नियमावली के प्रावधान के आधार पर ही भेज दिया गया है.
आंदोलन की चेतावनी :
एकीकृत सहायक अध्यापक (पारा शिक्षक) संघर्ष मोर्चा ने संविदा कर्मियों को आरक्षण दिये जाने का विरोध किया है. मोर्चा के संजय दूबे ने कहा है कि शिक्षक नियुक्ति में केवल पारा शिक्षकों के लिए 50% पद आरक्षित करना था. मोर्चा के विरोध के बाद संशोधित नियमावली से संविदा कर्मियों के आरक्षण का प्रावधान समाप्त किया गया. लेकिन अधियाचना में संविदा कर्मियों के आरक्षण का प्रस्ताव भेज दिया गया है.