राज्य में वर्तमान में सरकारी नियुक्ति में 60 फीसदी आरक्षण का प्रावधान है. 40 फीसदी सीट अनारक्षित है. राज्य में प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में शिक्षक (सहायक आचार्य) नियुक्ति में 80 फीसदी सीट झारखंड के स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित है. राज्य के छह जिलों में अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों के लिए 40 फीसदी से अधिक सीट आरक्षित है. वहीं, चार जिले में अनुसूचित जाति के अभ्यर्थियों के लिए 20 फीसदी से अधिक आरक्षण है.
राज्य में प्राथमिक शिक्षकों का कैडर जिलास्तरीय है. इसके अलावा इसमें 50 फीसदी सीट स्कूलों में पूर्व से कार्यरत पारा शिक्षकों के लिए आरक्षित है. वर्तमान में 26001 शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गयी है. इसमें 20748 पद (80 फीसदी) आरक्षित हैं. 26001 में से 12869 पद राज्य के पारा शिक्षक के लिए आरक्षित है. पारा शिक्षक के रूप में झारखंड के स्थानीय लोगों की ही नियुक्ति हुई थी, जबकि शेष 13132 में से सरकार के आरक्षण के प्रावधान के तहत 7879 पद आरक्षित हैं. शिक्षक नियुक्ति जिला रोस्टर पर हो रही है, जिसके चलते हर जिले में आरक्षण का बंटवारा अलग-अलग हुआ है. छह जिलों में एसटी को 40% और चार जिलों में एससी को 20% आरक्षण.
राज्य के छह जिलों में अनुसूचित जनजाति (एसटी) अभ्यर्थियों के लिए 40 फीसदी से अधिक सीट आरक्षित है. इसमें गुमला व लोहरदगा में सबसे अधिक 47 फीसदी आरक्षण है. इसके अलावा सिमडेगा, पश्चिमी सिंहभूम, खूंटी व दुमका में 40 फीसदी से अधिक सीट आरक्षित है. जिलावार नियुक्ति में हजारीबाग में अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों को सबसे कम चार फीसदी आरक्षण है. इसके अलावा धनबाद व पलामू में आठ-आठ फीसदी सीट रिजर्व है.
गुमला 47
लोहरदगा 47
प सिंहभूम 46
खूंटी 45
दुमका 45
सिमडेगा 43
साहिबगंज 38
जिला आरक्षण %
पाकुड़ 38
सरायकेला 38
रांची 37
जामताड़ा 32
लातेहार 29
पूर्वी सिंहभूम 28
गोड्डा 25
राज्य के सात जिलों में शिक्षक नियुक्ति में अत्यंत पिछड़ा वर्ग व पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए सीट आरक्षित नहीं है. जिलास्तरीय आरक्षण रोस्टर के तहत पूर्व में हुई नियुक्ति में भी इन जिलों में इन वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए आरक्षण का प्रावधान नहीं था. इनमें लातेहार, लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा, पश्चिमी सिंहभूम, दुमका व खूंटी शामिल है.
राज्य के छह जिलों में अनुसूचित जनजाति (एसटी) अभ्यर्थियों के लिए 40 फीसदी से अधिक सीट आरक्षित है. इसमें गुमला व लोहरदगा में सबसे अधिक 47 फीसदी आरक्षण है. इसके अलावा सिमडेगा, पश्चिमी सिंहभूम, खूंटी व दुमका में 40 फीसदी से अधिक सीट आरक्षित है. जिलावार नियुक्ति में हजारीबाग में अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों को सबसे कम चार फीसदी आरक्षण है. इसके अलावा धनबाद व पलामू में आठ-आठ फीसदी सीट रिजर्व है.
गुमला 47
लोहरदगा 47
प सिंहभूम 46
खूंटी 45
दुमका 45
सिमडेगा 43
साहिबगंज 38
जिला आरक्षण %
पाकुड़ 38
सरायकेला 38
रांची 37
जामताड़ा 32
लातेहार 29
पूर्वी सिंहभूम 28
गोड्डा 25
शिक्षक नियुक्ति में चार जिलों में अनुसूचित जाति (एससी) का आरक्षण 20 फीसदी या उससे अधिक है. पलामू में सबसे अधिक 27 फीसदी आरक्षण है. अनुसूचित जाति के अभ्यर्थियों को गुमला व लोहरदगा में सबसे कम तीन फीसदी आरक्षण है.
पलामू 27
गढ़वा 23
लातेहार 21
हजारीबाग 21
चतरा 18
धनबाद 15
बोकारो 13
गिरिडीह 13
देवघर 12
रामगढ़ 11
जिला आरक्षण %
गोड्डा 08
गुमला 03
लोहरदगा 03
प सिंहभूम 04
पू सिंहभूम 04
दुमका 05
रांची 05
खूंटी 05
साहेबगंज 05
पाकुड़ 05
रांची. मॉनसून सत्र के दूसरे दिन नियोजन नीति व रोजगार के मुद्दे पर विपक्ष के विधायक मोर्चा खोलेंगे. सदन के अंदर और बाहर सरकार को घेरेंगे. विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर धरना-प्रदर्शन की रणनीति बनायी है. भाजपा के मुख्य सचेतक विरंची नारायण ने कहा कि सरकार झारखंड के युवाओं को ठग रही है. इनको झुनझुना थमाया जा रहा है. सरकार ने 1932 खतियान के आधार पर नियोजन देने की बात कही थी, लेकिन अब धोखा दिया जा रहा है. सदन के अंदर सरकार को जवाब देना होगा. उन्होंने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि वह किस नीति के आधार पर नियुक्ति कर रही है.