झारखंड में शिक्षक स्थानांतरण नियमावली की अधिसूचना जारी, शहरी इलाकों में पांच साल ही होगी पोस्टिंग
झारखंड में शिक्षकों के स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू होगी. शिक्षक स्थानांतरण नियमावली 2019 में संशोधन की प्रक्रिया पूरी हो गयी है. कैबिनेट की स्वीकृति के बाद बुधवार को स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने इससे संबंधित अधिसूचना जारी कर दी है.
Jharkhand News रांची : झारखंड में शिक्षकों की स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू होने वाली है, इसकी नियमावली में संशोधन हो चुका है. कैबिनेट से स्वीकृत होने बाद स्कूली शिक्षा विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी. इसके लिए जिले को 5 जोन में बांट दिया गया है. जोन एक में जिला मुख्यालय व जोन दो में अनुमंडल व प्रखंड मुख्यालय के विद्यालयों को रखा गया है.
नियमावली के अनुसार, अब शिक्षक जोन एक व दो में सामान्यतया (एक टर्म) पांच वर्ष से अधिक के लिए पदस्थापित नहीं किये जायेंगे. विशेष परिस्थिति में पांच वर्ष से अधिक पदस्थापित रहने की स्थिति में एचआरए,टीए का लाभ नहीं दिया जायेगा. शिक्षक स्वयं इससे संबंधित वित्तीय लाभ की राशि की निकासी नहीं करने की जानकारी अपने निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी को देंगे. राशि निकासी होने की स्थिति में दोनों दोषी होंगे.
जोन एक व दो में जहां एक टर्म से अधिक के लिए शिक्षक पदस्थापित नहीं होंगे, वहीं जोन तीन से पांच तक में पदस्थापित शिक्षक एक टर्म से अधिक समय तक रहने के लिए आवेदन दे सकते हैं. शिक्षक के अनुरोध के आधार पर एक टर्म से अधिक के लिए इन जोनों में उनका पदस्थापन किया जा सकता है.
शिक्षक अपने गृह जिला में करा सकेंगे स्थानांतरण :
शिक्षक स्थानांतरण नियमावली के प्रभावी होने से शिक्षकों का अंतर जिला स्थानांतरण शुरू होगा. शिक्षक अपने गृह जिला में स्थानांतरण करा सकेंगे. नियमावली में किये गये बदलाव के अनुसार, शिक्षकों की सेवा पुस्तिका में दर्ज गृह जिला में विशेष परिस्थिति में बदलाव करा सकेंगे. वैसे सेवा पुस्तिका में दर्ज जिला ही शिक्षकों का गृह जिला माना जायेगा. पति-पत्नी के एक जिला में पदस्थापित होने पर दोनों को एक विद्यालय में पदस्थापित नहीं किया जायेगा.
अंतर जिला स्थानांतरण में ऐसे मिलेगी प्राथमिकता :
अंतर जिला स्थानांतरण के लिए प्राथमिकता का निर्धारण किया गया है. अलग-अलग जोन में पदस्थापन, उम्र, प्राथमिकता के अनुरूप कोटि पर अलग-अलग अंक का निर्धारण किया गया है.
महिला में विधवा, तलाकशुदा, अविवाहित शिक्षिका, सैन्य कर्मी की विधवा को प्राथमिकता दी जायेगी. दिव्यांग कोटि में दृष्टि, चलन नि:शक्त, व मूक एवं बधिर को क्रमवार प्राथमिकता मिलेगी. प्रारंभिक विद्यालय में शिक्षकों के स्थानांतरण में स्थानीय भाषा की जानकारी रखने वाले शिक्षक को प्राथमिकता दी जायेगी .
अंतर जिला स्थानांतरण निदेशालय स्तर से :
नियमावली के तहत प्राथमिक से लेकर प्लस टू विद्यालय तक के शिक्षकों का स्थानांतरण होगा. प्राथमिक व हाइस्कूल के शिक्षकों का सामान्य स्थानांतरण जिला व अंतर जिला स्थानांतरण निदेशालय स्तर पर एवं प्लस टू विद्यालय के शिक्षकों का दोनों तरह का स्थानांतरण निदेशालय स्तर पर ही होगा. स्थानांतरण की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी. शिक्षकों के स्थानांतरण की प्रक्रिया प्रत्येक वर्ष दिसंबर तक पूरी कर ली जायेगी.
तीन वर्ष की सेवा अनिवार्य होगी :
शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए तीन वर्ष की सेवा अनिवार्य होगी. शिक्षक जिस स्थानीय भाषा की परीक्षा से उत्तीर्ण हुए हैं उस भाषावाले जिला में ही उनका स्थानांतरण होगा.
जल्द शुरू होगी स्थानांतरण की प्रक्रिया : शिक्षा मंत्री
शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा है कि शिक्षकों के स्थानांतरण की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी. जिलों को दिशा-निर्देश जारी किया जा रहा है. शिक्षकों को अब गृह जिला में स्थानांतरण का अवसर मिलेगा. शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया भी जल्द शुरू होगी.
स्थानीय भाषा के अनुरूप ही होगा अंतर जिला स्थानांतरण
मुख्यालय व शहरी इलाके में पांच वर्ष से अधिक पदस्थापित रहने पर एचआरए व टीए का नहीं मिलेगा लाभ
शिक्षकों के गृह जिला स्थानांतरण की भी शुरू होगी प्रक्रिया
शिक्षक विशेष परिस्थिति में सेवा पुस्तिका में अंकित गृह जिला में कर सकेंगे बदलाव
स्थानांतरण के लिए जोन का निर्धारण
1. जोन एक : नगर निगम/नगर पंचायत एवं अन्य नगर निकाय जो नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा अधिसूचित क्षेत्र में अवस्थित विद्यालय
2. जोन दो : ऐसे पंचायत क्षेत्र का विद्यालय जिसमें अनुमंडल, प्रखंड मुख्यालय अवस्थित है. यह अनुमंडल/प्रखंड पंचायत के नाम से जाना जायेगा.
3. जोन तीन : ए – अनुमंडल व प्रखंड पंचायत से पांच किलोमीटर की परिधि में अवस्थित विद्यालय
Posted By: Sameer Oraon