झारखंड में 8 हजार शिक्षकों की सेवा संपुष्टि अब तक नहीं, 2014 से 2016 के बीच हुई थी 13000 से ज्यादा नियुक्ति
विभाग ने जिला शिक्षा अधीक्षकों को चार बार पत्र भी लिखा. वहीं, समय-समय पर हुई विभागीय बैठक में भी इसके लिए निर्देश और कार्रवाई की चेतावनी भी दी गयी. लेकिन, अब तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है. दरअसल, सेवा संपुष्ट होने की बाद भी सेवा स्थायी मानी जाती है.
jharkhand teacher recruitment news रांची : राज्य में वर्ष 2014 से 2016 के बीच प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में 13760 शिक्षकों की नियुक्ति की गयी थी. नियुक्ति से लगभग पांच वर्ष बीत जाने के बाद भी अब तक इनमें से आठ हजार शिक्षकों की सेवा संपुष्ट नहीं हुई है. जबकि, इनके प्रमाण पत्र सत्यापन का कार्य भी पूरा हो गया है. इन शिक्षकों की सेवा संपुष्टि के लिए स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग वर्ष 2018 से जिलों को निर्देश दे रहा है.
विभाग ने जिला शिक्षा अधीक्षकों को चार बार पत्र भी लिखा. वहीं, समय-समय पर हुई विभागीय बैठक में भी इसके लिए निर्देश और कार्रवाई की चेतावनी भी दी गयी. लेकिन, अब तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है. दरअसल, सेवा संपुष्ट होने की बाद भी सेवा स्थायी मानी जाती है. नियमानुसार नियुक्ति के दो वर्ष के बाद शिक्षकों की सेवा संपुष्ट कर देने का प्रावधान है.
इसकी अनुशंसा शिक्षकों के नियंत्री पदाधिकारी करते हैं. अनुशंसा के आधार पर जिला स्थापना समिति की बैठक में सेवा संपुष्ट की जाती है. इसके बाद आवश्यक जानकारी सेवा पुस्तिका में दर्ज की जा जाती है. सबसे अहम बात यह है कि सेवा संपुष्ट नहीं होने से शिक्षकों का अंतर जिला स्थानांतरण नहीं हो पायेगा. वहीं, उन्हें प्रोन्नति का लाभ और होम लोन (गृह निर्माण ऋण) की सुविधा भी नहीं मिलेगी.
Posted By : Sameer Oraon